Atmadharma magazine - Ank 213
(Year 18 - Vir Nirvana Samvat 2487, A.D. 1961)
(Devanagari transliteration).

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: : आत्मधर्म :२१३:
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
श्री नेमीचंद महेता (नरसींगपुरा (उदेपुर) तथा तेमना धर्मपत्नि मोहनबाईए सजोडे पू. गुरुदेव
समक्ष आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी, ते बदल धन्यवाद (प्र. जेठ सुदी १)
श्री चीमनलाल ताराचंद (सोनगढ) तथा तेमना धर्मपत्नि श्री चंदनबहेने सजोडे पू. गुरुदेव समक्ष
आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा अंगीकार करी ते बदल धन्यवाद, (वीर सं. २४८७, वि. स. २०१८ वैशाख वदी
८) ने ते ज दिवसे तेमना पोताना नवा मकानमां पू. गुरुदेवने प्रवचन करवानी विनंती होवाथी सवारनुं
व्याख्यान तेमने त्यां हतुं.)
श्री दशरथलाल जैन हेडमास्तर (शीवनी–म. प्र.) तथा तेमना धर्मपत्नि श्री कस्तुरबहेने सजोडे पू.
समाचार
प. पूज्य गुरुदेव सुख शातामां बिराजे छे. सवारे प्रवचनसार तथा बपोरे अष्टपाहुड शास्त्र वंचाय
छे. वैशाख वद ६ श्री समवसरणनी वर्षगांठनो उत्सव उल्लास पूर्वक ऊजववामां आव्यो हतो.
समवसरणना मंदिरना शिखर उपर ध्वजारोहण विधि थयेल तथा ते वखते समूह पूजा थई हती. प्रवचन
पछी भगवाननी विशाळ रथ यात्रा नीकळी हती. वनमां अभिषेक पूजन भक्ति वगेरेनो खास कार्यक्रम
हतो.
वैशाख वद ८ श्री समयसारजी शास्त्रनी स्थापनानो वार्षिक उत्सव हतो. शास्त्रजीने पाल खीमां
बिराजमान करी वरघोडा रूपे भजन भक्तिनी धून सहित गाममां फेरवीने स्वाध्याय मंदिर जय जयकार
नाद सहित आवीने बधा मुमुक्षुओ द्वारा शास्त्रनी पूजा–भक्ति करवामां आवेल.
जैन दर्शन शिक्षण वर्गमां लगभग १७प विद्यार्थी आवेल छे. चार विभाग करीने तेमने अभ्यास
नवुं प्रकाशन
श्रीमद राजचंद्रजी कृत “अपूर्व अवसर” नामे काव्य उपर पू. कानजीस्वामीनां प्रवचनो नामे
पुस्तकनी त्रीजी आवृत्ति छपाईने आवी छे किंमत प० नया पैसा. पोस्टेज अलग.
जैन बाळपोथी पांचमी आवृत्ति छपाई गई छे
मोक्षमार्ग प्रकाशक चोथी आवृत्ति छपाई गई छे.
– सूचना –
चेक अथवा ड्राफट नीचेना नामथी ज मोकलो.
श्री दिगंबर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट