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सुवर्णपुरी
समाचार
* परम पूज्य गुरुदेव सुखशांतिमां बिराजे छे, तबीयत सारी छे, आंखे पण
घणुं सारुं छे. गुरुदेवनी जमणी आंखना मोतियानुं ओपरेशन मुंबईना डो.
चीटनीसना हाथे मागसर वद त्रीजना रोज सोनगढमां सफळतापूर्वक थयुं छे,
ओपरेशन वखते सेवाभावी डो. मनसुखलालभाई तथा डो. उरशेकर पण हाजर हता.
गुरुदेवनी आंखनो पाटो मागसर वद ९ना रोज छोडी नांखवामां आव्यो छे, ते दिवसे
पू. गुरुदेव स्वाध्याय मंदिरमां पाट उपर पधार्या हता, गुरुदेवना दर्शनथी सर्वे भाई–
बहेनोने घणो हर्ष थयो हतो. ओपरेशन दरमियान डो. मनसुखभाईए लगभग १प
दिवस सुधी सोनगढ रहीने पू. गुरुदेवनी घणी सेवा करी हती, आखो दिवस गुरुदेव
पासे हाजर रहीने आहार–औषध वगेरेमां जाते ध्यान आपी रह्या हता. गुरुदेवनी
आंखे संपूर्ण आराम छे; हजी आराम लेवानो होवाथी हाल वांचन बंध छे. प्रवचनना
टाईमे सवार–बपोर बंने वखते रेकोर्डिंग रील वगाडवामां आवे छे, तेमां समयसारनी
शरूआतना प्रवचनो घणा सरस छे; आंखो मींचीने सांभळतां जाणे के गुरुदेव ज
अत्यारे बोली रह्या होय–एवुं लागे छे.
* आंखना ओपरेशन पहेलां मागसर सुद पुनमथी मागसर वद त्रीज सुधी
जिनमंदिरमां श्री वीसविहरमान तीर्थंकरोनुं मंडल विधान–पूजन घणा उत्साहपूर्वक (पू.
बेनश्रीबेन तरफथी) थयुं हतुं. वद एकम–बीज अने त्रीजना रोज पू. गुरुदेव पण पूजन
विधानमां एकेक कलाक उपस्थित रह्या हता. त्रीजना दिवसे मंडल विधाननी पूर्णता थतां
अभिषेक थयो हतो, अभिषेक बाद गुरुदेवे भक्तिथी सीमंधर भगवानने अर्घ चडाव्यो
हतो. त्यारबाद गुरुदेव स्वाध्याय मंदिरमां बिराज्या हता ने सकल संघे भावपूर्वक स्तुति
करी हती; स्तुति बाद गुरुदेवे मंगलरूपे जिनशासननो महिमा करेल, ते आ अंकमां
आपेल छे. आ प्रसंगे ठेर ठेरथी ओपरेशननी सफळता ईच्छता संदेशाओ आव्या हता.
सौने एम हतुं के गुरुदेवनी आंख ए आपणी आंख छे.... त्यारबाद, “जिनेन्द्रदेवना
मंगल आशीर्वाद प्राप्त मंगलमूर्ति गुरुदेवनो जय हो.... विजय हो” एवा जयकारपूर्वक
गुरुदेव अंदर पधार्या हता ने सफळतापूर्वक ओपरेशन थयुं हतुं. ओपरेशननी
सफळताना अने गुरुदेवनी सारी तबीयतना समाचार सांभळीने भारतभरना
भक्तजनो तरफथी आनंद अने भक्ति व्यक्त करता संदेशा आव्या हता. हालमां गुरुदेव
रोज सवारमां एक माईल फरवा जाय छे. बपोरे पाट उपर पधारीने दर्शन दे छे, ने
भक्तिमां पण पधारे छे. तबीयत बधी रीते संतोषकारक छे.
* मागसर सुद छठ्ठना रोज सोनगढमां शेठ मोहनलाल मगनलाल तुरखीया
(राजकोटवाळा) ना मकाननुं वास्तु हतुं, ते प्रसंगे पू. गुरुदेवे त्यां प्रवचन कर्युं हतुं.
* प्रतापगढ शहेरमां दिगंबर जैन बोर्डिंगमां सीमंधर भगवाननुं भव्य
जिनमंदिर छे. तेनी सन्मुख मानस्तंभनुं शिलान्यास शेठ श्री नवनीतलालभाई सी.
झवेरीना हस्ते गत मासमां थयुं हतुं.