Atmadharma magazine - Ank 221
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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फागण : २४८८ : ९ :
ज्ञा....न.....गो....ष्ठी:
(नवतत्त्वसंबंधी प्रश्नोना उत्तर)
“आत्मधर्म” ना पोष मासना अंकमां, तेमज “सुवर्ण
सन्देश” मां ज्ञानगोष्ठी तरीके नव तत्त्वो संबंधी प्रश्नो रजु
करवामां आव्या हता, अने तेना जवाबो आत्मधर्मना माह
मासना अंकमां आपवानुं जणावेल, परंतु माह मासमां ते जवाबो
छापवानुं भूलाई गयेल तेथी ते जवाबो आ अंकमां आपवामां
आव्या छे. आ ‘ज्ञानगोष्ठी’ मां घणा गामना बाळकोए रसपूर्वक
भाग लीधो हतो अने तेना जवाबो लखी मोकल्या हता. जवाब
मोकलनारा बाळकोने पू. गुरुदेवनो फोटो भेट मोकली आपवामां
आव्यो छे. बाळबंधुओ! नानपणथी ज तमे आवा
अध्यात्मज्ञानमां रस लई रह्या छो ते बदल धन्यवाद!!

प्रश्न:– (१) आपणे चैतन्यस्वभावमां संपूर्ण स्थिर थईए तो आपणी पासे कयुं तत्त्व आवे?
उत्तर:– मोक्षतत्त्व आवे.
प्रश्न:– (२) आपणे भगवाननी भक्ति–पूजा करीए, अने गुरु प्रत्ये तथा धर्मी जीवो प्रत्ये विनय–
बहुमान करीए तो आपणी पासे कयुं तत्त्व आवे?
उत्तर:– पुण्यतत्त्व आवे.
प्रश्न:– (३) कोई मूढ जीव घणा जीवोने मारी नाखे तो तेनी पासे कयुं तत्त्व आवे?
उत्तर:– पापतत्त्व आवे.
प्रश्न: (४) आपणी पासे एवुं कयुं तत्त्व छे के जे सदाय (अनादि–अनंत) आपणी पासे ज होय?
उत्तर:– जीवतत्त्व.
प्रश्न:– (प) आपणी पासे मोक्षतत्त्व आवे तो बीजा कया कया तत्त्वो आपणी पासेथी छूटी जाय?
उत्तर:– अजीव (कर्मनो संयोग), पाप, पुण्य, आस्रव, बंध, संवर ने निर्जरा–ए तत्त्वो छूटी जाय.
प्रश्न:– (६) एक जीवनी पासे एक साथे वधारेमां वधारे केटला तत्त्वो होय?–कया कया?
उत्तर:– एक जीव पासे एक साथे वधुमां वधु आठ तत्त्वो होय: जीव, अजीव (कर्मनो संयोग), पाप,
पुण्य, आस्रव, बंध, संवर अने निर्जरा.
प्रश्न:– (७) नवमांथी ओछामां ओछा तत्त्वो कया जीव पासे होय–कया कया?
उत्तर:– सिद्ध भगवान पासे बे ज तत्त्वो छे: जीव अने मोक्ष.
प्रश्न:– (८) सम्यग्दर्शन थाय त्यारे आपणी पासे कया कया तत्त्वो नवा आवे?