Atmadharma magazine - Ank 223
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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समीप नृत्य सहित खुब उत्साहथी भक्तिरसनी धून मचावी हती. बीजा पण
मुमुक्षुभाईओ तेमां जोडाया हता–बधाने बहु प्रमोद थयो हतो.
बपोरे पू. गुरुदेवश्री मंच उपर चडीने ज्यां भगवान श्री
सीमंधरभगवान्नी अतुल भक्ति सहित अंतरंगमां अभेद भक्तिमां
भरती लावता होय एम भगवाननी सामे स्वाभावीक एकाग्र
ध्यानमुद्रामां बेसी गया हता त्यां पण अमुक भक्तो अने अजमेर भजन
मंडलीवाळा पहोंच्या अने खुब होंशमां आवीने प्रसन्नताथी–शान्तिथी
प्रभुभक्तिनी लय लगाडी हती. अहा!! ए वखतनुं द्रश्य पण भारे
आह्लादजनक हतुं.
चैत्र सुद १२–जिनमंदिरमां समूहपूजन, पूज्य गुरुदेवश्रीना बे
वखतना प्रवचन अने भक्तिनो कार्यक्रम बपोरे तथा रात्रीए प्रवचनमंडपमां
हतो.
चैत्र सुद १३–श्री महावीर भगवाननो जन्मकल्याणक दिवस
होवाथी तथा पू. गुरुदेव श्री कानजीस्वामीए संवत १९९१मां आजना
मंगळमय दिने परिवर्तन करी महामांगलिक शुद्ध दिगम्बर जैन धर्मनी
प्रगटपणे घोषणा करी. जिनेन्द्र सर्वज्ञ वीतराग प्रणित आत्मकल्याणनो
मार्ग बताव्यो ते वर्षगांठनो पवित्र दिवस ऐतिहासीक दिवस होवाथी
बन्ने साथे उजववामां आव्या हता.
पू. गुरुदेवे करेला महान उपकारने व्यक्त करता अने तेमना प्रत्ये
श्रद्धा–भक्ति दर्शावता बहारगामथी आवेला तारो सभामां वांची
संभळाववामां आव्या हता. आज सवारे प्रभातफेरी पछी जिनेन्द्रपूजन,
पू. गुरुदेवना प्रवचन पछी भगवान् श्री महावीर प्रभुनी भव्य रथयात्रा
प्रथमनी जेम महान उत्सवथी नगरमां फेरवी हती. महेमानोने रात्रे
मानस्तंभ प्रतिष्ठा महोत्सवनी फिल्म बताववामां आवी हती.
उत्सव दरम्यान जुदाजुदा खातामां संस्थाने सारी आवक थई
हत. घणे दूर दूरथी घणां महेमानो आव्या हता. सर्वे मुमुक्षु भाईओने
श्री नवनीतभाई सी. झवेरी (मुंबई) तथा श्री चंद्रसेन बंडी (उदेपुर)
नी तरफथी एक एक दिवसनुं जमण हतुं.
***
आ वखतनी दि. जैन मुमुक्षु महामंडळनी बेठकमां निर्णय लेवामां
आव्यो हतो के पू. गुरुदेवश्रीना दर्शनार्थे आवता मुमुक्षु भाई–बहेनोने
अगाउनी माफक जमवा तथा रहेवानी फ्री सगवड अगाउनी माफक
राखवी.