Atmadharma magazine - Ank 224
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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: २२ : आत्मधर्म : २२४
प्रवचन करेल. श्री अमुलखभाई लालचंद, श्री चीमनलालभाई, श्री अनुपचंदभाई
तथा श्री पोपटभाईए पूज्य गुरुदेवद्वारा थती महान धर्म प्रभावनानुं वर्णन करी
गुणग्राम गाया अने आ उत्सवमां आवेल बधानो आभार मान्यो.
आ शुभ प्रसंगे प००१) सौ. रंभाबेन पोपटलाल वोरा तथा तेमना कुटुंब
तरफथी, प००१, शेठ अमुलख लालचंद तथा तेमना कुटुंबी तरफथी, २००१, श्री
हिंमतलाल धनजी–हा, चीमनभाई, २००१, श्री छगनलाल दयाळजी उदाणी तथा
तेमना कुटुंब तरफथी हा–अनुपचंदभाई, २००१, श्री सविताबेन मोहनलाल गांधी,
१००१, श्री नवनीतलाल सी. झवेरी प०१) श्री कस्तुरचंद प्राणजीवन दोढीवाळा,
प०१) श्री लक्ष्मीचंद नीमचंद मुळीवाळा तथा श्री गीरधरलाल प्राणजीवन, डो.
हरजीवनदास, वढवाण मुमुक्षु मंडळ, सुरेन्द्रनगर मु० मंडळ, श्री तलकशी माणेकचंद
दोशी, श्री मणिबहेन दोशी ए दरेकना २प१, श्री मथुरभाई गोवावाळाना २०१, श्री
खीमचंदभाई जे. शेठ १प१, लींबडी–मुंबई मुमुक्षु मंडळ, कान्तिलाल प्रेमचंद दोशी
मोरबी, श्री चंदुलाल शीवलाल वगेरे अनेक भाईओए पोतानो फाळो नोंधाव्यो.
कुल रकम रूा. २३३२३) जोरावरनगर जिनमंदिर खाते आवी छे. मुख्य व्यवस्थापक
तथा प्रमुख श्री अमुलख लालचंद छे. सहुने धन्यवाद.
(२) श्री दहेगाम (अमदावाद) मां जिनमंदिर शिलान्यास
उत्सव.
परम पू. गुरुदेवश्रीना परम प्रतापे वैशाख सु. १२ना शुभ दिने भगवान श्री
महावीर स्वामी दिगम्बर जिनमंदिरनो शिलान्यास मंगळविधि सहित श्री खीमचंदभाई
जेठालाल शेठ (सोनगढ) शुभहस्ते करवामां आव्यो. सवारे जिनेन्द्र रथयात्रा, पूजन
बाद मुंबईथी खास आवेल श्री चीमनलाल भाईए तेनी विधी करावी.
मुंबईथी खास उत्साहपूर्वक प्रमुख श्री मणिभाई तथा श्री नवनीतभाई सी.
झवेरी वगेरे, आवेल हता. उपरांत पोरबंदर, मोरबी, वांकानेर, सोनगढ,
अमदावाद, तलोद, फतेपुर, रखियाल वगेरे शहेरमांथी आवेल अनेक मुमुक्षु
भाईओए अति उत्साहपूर्वक भाग लीधो.
शिलान्यास विधि पूर्ण थया पछी बधा महेमानो तथा गामना प्रतिष्ठित
आगेवान भाई बहेनो घणी संख्यामां हाजर हता.
सभामां श्री खीमचंदभाईनी ओळख विधि थया बाद श्री खीमचंदभाईए
प्रासंगिक प्रवचन करीने पोताने आवो अवसर प्राप्त थयो तेनी खुशालीमां
जिनमंदिर फाळामां रूा. ७प०१) नोंधाव्या, श्री नवनीतभाईए १प०१) तथा बीजा
जैन भाईओ उपरांत जैनेतर भाईओए पण बहु प्रेमवश जिनमंदिर खाते
पोतानो फाळो आप्यो.
सर्वभाईओने श्री खीमचंदभाईनुं जैन धर्मनुं रहस्य बतावतुं प्रवचन
सांभळी जैनधर्म प्रत्ये खूब प्रेम थयो. कुल रकम रूा. ४प०००, उपरांत थयेल छे जे
अति उत्साहथी फाळामां नोंधावेल छे. ते बदल सहुने धन्यवाद. दाताना नामनी
संख्या ११४ छे, तेमां १प००१, शाह केशवलाल गुलाबचंद तथा तेमना कुंटुंबीजनो,
७प०१) शाह भीखालाल मगनलाल तथा तेमना कुटुंबीजनो, ७प०१) शेठ
खीमचंद जेठालाल तथा तेमना कुटुंबनीजनो (सोनगढ), १प०१) श्री