Atmadharma magazine - Ank 228a
(Year 19 - Vir Nirvana Samvat 2488, A.D. 1962)
(Devanagari transliteration).

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परम पूज्य सद्गुरुदेव श्री कानजी स्वामी.
परम पूज्य अध्यात्मयोगी सद्गुरुदेव श्री कानजी स्वामी कुमार ब्रह्मचारी छे. तेओश्री आंतरबाह्य
ब्रह्म तेजे अत्यंत झळकी रह्या छे. तेमनी पावनकारी ज्ञान–वैराग्य झरती वाणीमां अनेक वखत ब्रह्मचर्य
महिमाना गान गावामां आवे छे. तेना फळस्वरूपे आज पर्यंत अनेक स्त्री–पुरुषोए सजोडे ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा
अंगीकार करेल छे. पण खास विशिष्टता तो ए छे के केटलाक कुमार तथा कुमारीओए पण तेमनी पासे
आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा लीधेल छे. सं. २०१२ ना भादरवा सुद प रविवार ता. ९–९–प६ ना दिने परम
पूज्य श्री सद्गुरुदेव समीपे चौद कुमारी बहेनोए ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा लीधी छे. जैन जगतमां आवो शुभ
प्रसंग खरेखर विरल गणाय. ए सर्वनुं मूळ पूज्य सद्गुरुदेवश्री ज छे.
तेमनो प्रभावना उदय सदा जयवंत वर्तो!
तेमनुं ब्रह्म तेज जगतना मोहांधकारने नष्ट करो,
अने
अनेक भव्य जीवोना जीवनपंथने उजाळ्‌या करो!