पूज्य गुरुदेव तथा ब्रह्मचारी भाईओ
(१) कुमार ब्रह्मचारी भाई गुलाबचंद आणंदजी–रहेवासी लाखणका, हाल सोनगढ, उंमर वरस ४प
ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा संवत १९९प.
(२) कुमार ब्रह्मचारी भाई हरिलाल अमृतलाल मेता–उंमर वरस ३२ रहेवासी मोरबी, हाल
सोनगढ. ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा संवत २००३.
(३) कुमार ब्रह्मचारी भाई चंदुलाल खीमचंद झोबाळिया, उंमर वरस ३२ रहेवासी नागनेश, हाल
सोनगढ. ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा संवत २००२.
(४) कुमार ब्रह्मचारी भाई अमृतलाल नथुभाई मेता उमर वरस ३४ रहेवासी जामनगर हाल
सोनगढ. ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा संवत २००३.
आ चारे ब्रह्मचारी भाईओ वैराग्यवंत छे. तेओ अत्रे कायम रहीने पूज्य गुरुदेवश्रीना
सत्समागममां घणा वर्षोथी रहे छे, अने तेमनां प्रवचनो सांभळे छे, जिनेन्द्र भगवाननां दर्शन–पूजन–
भक्ति करे छे, अष्ट मूळ गुणनुं पालन करे छे, रात्रि भोजन करता नथी, कंदमूळ आदिनो त्याग छे,
यथाशक्ति उपवासादि तप करे छे. तेओए समयसार, प्रवचनसार, नियमसार, पंचास्तिकाय, पंचाध्यायी,
स्वामी कार्तिकेय अनुप्रेक्षा, तत्त्वार्थसूत्रजी, मोक्षमार्ग प्रकाशक, द्रव्यसंग्रह, छ ढाळा, जैन सिद्धांत प्रवेशिका,
समाधितंत्र, ईष्ट उपदेश, परमात्म प्रकाश, चिद्दविलास, अध्यात्म पंचसंग्रह, रत्नकरण्ड श्रावकाचार, पुरुषार्थ
सिद्धि उपाय, आत्मानुशासन, गोम्मटसार, षट्खंड आगमना केटलाक भागो, सर्वार्थसिद्धि वगेरे शास्त्रोनो
अभ्यास कर्यो छे, चार कुमार ब्रह्मचारी भाईओ उपरांत पूज्य गुरुदेवश्री पासे नीचेना भाईओए
आजीवन ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा लीधी हती.
(१) ब्र. भाई व्रजलाल गीरधरलाल शाह वढवाण शहेर उंमर वर्ष २८ ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा सं. २००७
(२) ब्र. भाई धीरजलाल भगवानजी राजकोट उंमर वर्ष २९ ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञा सं. २०१०.
तेओ बंने कुमार ब्रह्मचारी छे, वैराग्यवंत छे, अने पु. गुरुदेवश्रीना सत्समागम अर्थे वारंवार
सोनगढ आवे छे. तेओए यथाशक्ति सत् शास्त्रोनो अभ्यास कर्यो छे तेम ज करे छे.