Atmadharma magazine - Ank 230
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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मागशर: २४८९ : १७ :
जीव परनुं कार्य
करवामां पंगु छे.
(सोनगढ ता. र४–७–६२, अषाड वदी ८)
परनां काम माटे कोई द्रव्यमां शक्ति नथी, पण अयोग्यता छे. एकना कार्यमां बीजुं
निमित्त तो छे ने? ना, जो निमित्तभूत द्रव्यथी कोई द्रव्यना परिणाम थाय तो सामा द्रव्यना
उत्पाद–व्यय ध्रुवरूप सतपणानो नाश थाय अथवा तेनो स्वभाव बीजा निमित्तमां आवी जवो
जोईए. समयसारजी गा. ३७२मां आचार्यदेवे स्पष्ट कह्युं छे के कोई रीते अन्य द्रव्यथी अन्य
द्रव्यना कार्यनी (पर्यायनी) उत्पति करी शकाती ज नथी, तेथी ए सिद्धांत छे के सर्व द्रव्यो
पोतपोताना स्वभावथी दरेक समये उत्पाद–व्ययरूप पोताना कार्यने (परिणमन) करे छे, तेमां
अन्यने कर्ता कहेवो ते तो कहेवा मात्र ज छे. टीकाजीवने पर द्रव्य रागादि अथवा ज्ञानादि उपजावे
छे एम शंका न करवी; कारण के अन्य द्रव्यवडे अन्य द्रव्यना पर्यायोनो उत्पाद कराववानी
अयोग्यता छे, जडकर्म जीवने रागादि कराववामां नालायक छे केमके दरेक द्रव्य पोतपोतानी शक्ति
सहित होवाथी पोताना स्वभावथी ज –पर्याय धर्मथी ज ऊपजे छे.
अहीं ए सिद्धांत थयो के कोईपण जीव परद्रव्यनी पर्याय उत्पन्न करवाने माटे नालायक छे.
श्री कुन्दकुन्दाचार्यादि आचार्य पण शास्त्र लखवाना कार्य माटे नालायक छे केमके शब्दोए पुद्गल
द्रव्यना आधारे काम कर्युं छे. जीवने ईच्छा थई माटे पुस्तक लखाणुं एम नथी, पण तेमां तेना
कारणे कार्य थयुं त्यारे तेमां ईच्छावान जीव निमित्त होय छे एम ज्ञान कराववा व्यवहारथी कर्ता
कहेवानी रीत छे.
जो ईच्छाथी भाषा ऊपजे तो केवळीने ईच्छा नथी छतां वाणी छूटे छे. योगनुं कम्पन छे
माटे वाणी छूटे छे एम होय तो बधा केवळीने निरंतर वाणी छूटवी जोईए, पण तेम नथी, माटे
दरेक द्रव्य दरेक समये उत्पाद–व्ययरूप निज पर्यायना कर्ता छे. अन्य तो बीजाना कार्य माटे
नालायक ज छे. एज रीते आत्मा भाषानी पर्याय माटे अलायक छे. आ वखते आविकल्पने
(रागने) लावुं एने माटे पण आत्मा अलायक छे, पंगु छे.
गौतम गणधर थया पण द्वादशांग शास्त्रोना शब्दोनी पर्याय करवा माटे तेओ अयोग्य–
नालायक हता, ते संबंधी पोताना स्व–परप्रकाशक ज्ञानने उत्पन्न करवा माटे तेओ योग्य छे. कोई
जीवमां बीजा द्रव्यनी पर्याय रचवानी ताकात त्रणकाळ त्रणलोकमां नथी.
सोनीमां कुंडल करवानी लायकात नथी, हाथ–पगने चलाववा माटे सोनीना जीवमां ताकात
नथी पण अहंकारथी कर्तापणुं माने अने ते संबंधी