प्रवचनमां सवारे मोक्षमार्ग प्रकाशक, बपोरे समयसारजी शास्त्र गाथा
दौलतरामजी कृत) स्वाध्यायमां लेवामां आवेल.
अष्टाह्निका महोत्सवमां श्री नंदीश्वर पूजा विधान तथा श्री
जिनेन्द्र भगवानने कळशाभिषेक उत्सव सहित थई.
छे. तेमना अग्रेसरपणामां धार्मिक दिवसो दरमियान कोई प्रसिद्ध सिद्धक्षेत्रनी
यात्रार्थे मोटी संख्यामां गुजरातीओनो यात्रा संघ नीकळे छे. तेमां हंमेशा त्रण
कलाक प्रवचन तथा तत्त्वचर्चा उपरांत श्री जिनेन्द्र पूजन भक्ति आदिनो
कार्यक्रम होय छे.
बडवानीजी, खंडवा, सनावद, उन–पावागीर, बीकन, उदयपुर, जांबुडी मुकामे
तेमनो संघ जतां घणी सारी प्रभावना थई.
बाबुभाई धर्मप्रभावनामां जे सुंदर फाळो आपी रह्या छे, तेना उत्साहभर्या
समाचार दरेक गामथी खूबखूब विस्तारथी आवेला छे. सिद्धवरकूटमां
सिद्धचक्र मंडलविधान करवामां आव्युं हतुं, आठ दिवस सुधी श्री
बाबुभाईद्वारा दिवसमां त्रणवार प्रवचन थतां; तत्त्वचर्चा, अनुपम भक्ति,
पूजानो कार्यक्रम पण राखवामां आव्यो हतो, आ बधुं प्रत्यक्ष जोईने सोनगढ
प्रत्ये जेमणे जूठी कल्पनाओ करी राखेल हती ते दूर थवा पामी छे.
थयेला, यात्रा संघ काढनार जांबुडीवाळा श्री छबालाल मलुकचंद कोटडिया
हता, सिद्धवरकूट सिद्धक्षेत्रने गुजरातना