Atmadharma magazine - Ank 235
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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मंगल जन्मोत्सव अंक
– आ छे शोरीपुरना नैमनाथ भगवान!
आनंदरस टपकती एमनी अद्भूत मुद्रामांथी जाणे वैराग्यना शेरडा छूटे छे.
“अहा नाथ! जे परमवैराग्यजीवन आपे अंगीकार कर्यु, अमारा चित्तमां पण
ते ज रमी रह्युं छे–अमारा मनने ते ज गम्युं छे–तेथी अमे पण आपना पगले पगले
मोक्षने साधशुं.” –आवी भावनापूर्वक भक्तो भगवानना दर्शन करी रह्या छे.