Atmadharma magazine - Ank 235
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्मः२८:
मंगल जन्मोत्सव अंक
दू र थी........ अ ने........ न जी क थी........










वस्तुने दूरथी जोतां ते नानी देखाय छे ने नजीकथी जोतां ते मोटी देखाय छे. अहीं पर्वत उपर
मोटा भगवान छे पण दूरथी ते नाना देखाय छे; तेनुं वास्तविक रूप देखातुं नथी..... पण–
नजीक जईने जोतां पर्वत उपरना मोटा भगवान स्पष्ट देखाय छे ने
तेमनुं वास्तविक रूप देखतां दर्शकने घणो महिमा जागे छे. तेम