Atmadharma magazine - Ank 235
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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आत्मधर्मः३८:
मंगल जन्मोत्सव अंक
भोपालमां जैनदर्शन शिक्षिण शिबिर
आ साल श्री जैनदर्शन शिक्षणवर्ग श्री दि. जैन मुमुक्षुमंडळ भोपाल तरफथी भोपालमां
चलाववानुं नक्की करवामां आव्युं छे. आ शिक्षणवर्ग ता. ११मे थी ३०मे सुधी चालशे. आ वर्ग
चलाववा माटे श्री खेमचंद जे. शेठ, सोनगढथी तथा श्री पं. फुलचंदजी सिद्धांतशास्त्री, बनारसथी
आवशे तो जे जिज्ञासु भाईओ आ वर्गनो लाभ लेवा ईच्छता होय तेओए ता. पमे सुधीमां जणावी
देवा विनंती. रहेवा तथा जमवानी व्यवस्था मुमुक्षुमंडळ तरफथी थशे.
आ उपरांत भोपालमां नूतन स्वाध्याय मंदिरना उद्घाटन तथा जिनमंदिरमां जिनबिंब वेदी
प्रतिष्ठा प्रसंगे ता. २३मे थी २८मे सुधी आध्यात्मिक संत पूज्य श्री कानजीस्वामी पण पधारवाना छे,
तो तेमनी अमृतमय वाणीनो पण अमूल्य लाभ मळशे.
पत्रव्यवहारनुं सरनामुं:–
श्री सूरजमल जैन,
होझीयरी मरचन्ट, लोहा बजार,
‘आत्मधर्म’ नो विशेषांक:
“आत्मधर्म”नो आ जन्मोत्सव–विशेषांक जिज्ञासु साधर्मीओ समक्ष सादर रजु करीए छीए.
आ अंकने टाईमसर तैयार करवामां तथा तेने शोभाववामां अनेक प्रकारे जे जे भाईओनी मदद मळी
छे ते सर्वेनो हुं आभार मानुं छुं. माननीय भाईश्री नवनीतलालभाईए आ अंक तैयार करवा माटे
प्रोत्साहन आप्युं छे, मारा सहयोगी बंधु श्री मनसुखभाई देसाईए बधा ज कार्योमां साथे रहीने
मदद करी छे, मुंबईना फोटोग्राफर श्री पुनम शेठे तथा भावनगरना चित्रकार श्री गोहिले रंगीन चित्रो
अने ब्लोकस वगेरे झडपथी तैयार कराववामां मदद करी छे, तथा आनंद प्रेसना भाईश्री अनुभाई
तथा हसुभाईए चीवटपूर्वक अंकनुं सुशोभन करी आप्युं छे–ते बदल ते सर्वेनो, तेमज जे जे वडील
बंधुओए भावभीनी श्रद्धांजलिओ लखीने आ अंकने शोभाव्यो छे ते सर्वेनो, हुं वात्सल्यभीनो हृदये
आभार मानुं छुं. ने ‘आत्मधर्म’ ने पोतानुं ज समजीने सौ आवो सहकार आप्या करे–एवी प्रार्थना
करुं छुं. गत वर्षना चैत्रमासथी जे जे लेखमाळाओ अधूरी छे तेना अनुसंधानमां आगळना लेखो हवे
पछी आत्मधर्ममां शरू थशे. अने ‘आत्मधर्म’ ने वधु सुंदर ने वधु व्यवस्थित करवानो प्रयास थशे.
–ब्र. हरिलाल जैन