Atmadharma magazine - Ank 236
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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जेठ: २४८९ : २१:
अद्भूत प्रवचन थयुं. प्रवचनमां लाठी शहेरना ठाकोर साहेर वगेरे पण आव्या हता. बीजना
प्रवचनमां बोधीबीजनी सुंदर वार्ता सांभळतां मुमुक्षुओने प्रसन्नता थती हती. प्रवचन पछी आजना
मंगल जन्मोत्सव निमित्ते गुरुदेव प्रत्ये बहुमान अने तेओश्रीनो महिमा व्यक्त करता भाषणो थया
हता. प्रथम आत्मार्थी भाईश्री हिंमतलाल जे. शाहे पोताना मधुर भाषणमां गुरुदेवना जीवनना मुख्य
प्रसंगो वर्णवीने कह्युं हतुं के गुरुदेवना जीवनमां पहेलेथी ज भवअंतना भणकार वागता हता... ने
गुरुदेवनी वाणीनुं अमृत झीलीने आपणे भवअंतनुं साधन करवानो अवसर मळ्‌यो छे. कुंदकुंददेवना
आ लधुनंदने दर्शनमूलक धर्मनुं स्वरूप समजावीने आ काळे आपणा उपर महा उपकार कर्यो छे. आवा
पू. गुरुदेवनो आजे जन्मोत्सव छे ते मुमुक्षुओने माटे मोक्षमार्गना पुर्नजन्मनो उत्सव छे, ते
मुमुक्षुओने माटे अंतर निर्णयना जन्मतो उत्सव छे ने भवअंतना पुरुषार्थने प्रगट करवानो उत्सव छे.
त्यारबाद विद्वान भाईश्री खीमचंद जे. शेठे भाषण करतां पोतानी जोसदार शैलिथी गुरुदेवनो महिमा
प्रसिद्ध करतां कह्युं हतुं के–जेम अत्यारसुधी ए वात प्रसिद्ध छे के जो कुंदकुंदचार्यदेवे विदेहक्षेत्रे जईने
सीमंधरस्वामी पासेथी मळेला दिव्य ज्ञानवडे बोध न आप्यो होत तो मुनिजनो साचा मार्गने केम
जाणत? –तेम अत्यारे आपणे माटे तो गुरुदेवनो एवो महान उपकार छे के जो विदेहक्षेत्रथी पधारीने
आवा परम सत्यमार्गनो उपदेश न आप्यो होत तो आपणे आवा परम सत्य मार्गने आ काळे
क््यांथी पामत?
त्यारबाद माननीय प्रमुख श्री नवनीतलालभाई सी. झवेरीए पोतानी शांतशैलिथी गुरुदेवनो
महिमा करतां कह्युं के आपणे स्तुतिमां घणीवार बोलीए छीए के “अहो उपकार जिनवरनो, कुंदनो
ध्वनि धिव्यनो, जिन–कुंद–ध्वनि आप्यां... अहो ते गुरु कहाननो!” खरेखर गुरुदेवे परम सत्य
जैनधर्मने आजे जीवंत कर्यो छे... जैनधर्मनुं खरुं रहस्य तेमणे खोल्युं छे. छहढाळामां पं. दौलतरामजीए
कहेला वीतराग विज्ञाननी तेमने लगनी लागी छे, अने तेनुं स्वरूप तेओ समजावी रह्या छे... आवा
गुरुदेवनी आजे ७४मी जन्मजयंती अहीं लाठीमां आपणे ऊजवी रह्या छीए... आ प्रसंगे आपणे सौ
भावना भावीए के गुरुदेव चिरायु हो... ने तेमनी मंगलछायामां आपणे आत्महित साधीए.
भाषणो पछी ७४ मा जन्मोत्सवनी खुशालीमां गामेगामना मुमुक्षुओए ७४ रूा. नी रकमो
जाहेर करी हती. जेमां शेठश्री नवनीतभाई तथा शेठश्री पूरणचंदजी तरफथी ७४नी पचीस पचीस रको
(१८प० रूा.) नोंधाववामां आवेल, लगभग १प००० रूा. नोंधाया हता. आ प्रसंगे गामेगामथी
जन्मोत्सवनी वधामणीना अनेक सन्देशा आवेल ते संभळाववामां आव्या हता. बपोरे भक्ति पछी
आजना जन्मोत्सवनी खुशालीमां उमंगभरी रथयात्रा नीकळी हती. रथयात्रा वखते सौने घणो हर्ष
हतो, हथेळीमां नृत्यनुं द्रश्य उल्लासकारी हतुं. रात्रे भक्ति भजननो कार्यक्रम हतो. आम लाठी शहेरमां
शिखर प्रतिष्ठानो अने गुरुदेवनी जन्मजयंतिनो उत्सव आनंदथी ऊजवायो हतो. आवो महान
सुअवसर प्राप्त करवा माटे लाठीना मुमुक्षुओने धन्यवाद. बीजे दिवसे सवारमां सीमंधर भगवानना
दर्शन–स्तवन करीने गुरुदेव सुरेन्द्रनगर पधार्या हता.
सुरेन्द्रनगर:– वैशाख सुद त्रीजे पू. गुरुदेव सुरेन्द्र नगर पधारतां भव्य स्वागत थयुं. अहींना
जिनमंदिरमां जिनेंद्रदेवनी प्रतिष्ठानो १०मो वार्षिकोत्सव पण आजे ज हतो तेथी हाथी उपर
जिनेन्द्रदेवने बिराजमान करीने रथयात्रा पण साथे ज नीकळी हती. अने आजना उत्सवनी
खुशालीमां रात्रे सती अनंतमतीनो वैराग्यप्रेरक संवाद थयो हतो.
लखतर:– वैशाख सुद छठ्ठना रोज पू. गुरुदेव लखतरना भाईओनी विनतिथी लखतर पधार्या
हता. सवारमां पू. गुरुदेव पधारतां त्यांना भाईओए उत्साहनी स्वागत कर्युं हतुं अने प्रवचन पण
त्यां थयुं हतुं. गुरुदेव लखतर पधारतां भाई श्री शिवलाल मनजीभाई