Atmadharma magazine - Ank 239
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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[अमारुं जीवन संतोनी छायामां आत्महित साधवाना प्रयत्नमां ज वीते एवी भावनापूर्वक
प्रतिज्ञा लेवा माटे एक साथे आठ वीरबाळाओ ज्यारे गुरुदेव समक्ष ऊभी थई ते वखतनुं द्रश्य
वैराग्यप्रेरक हतुं... जे उदे्शथी ने जे लक्षथी आ करवामां आवे छे ते उदे्शनी ने ते लक्षनी खास महत्ता
छे, अने तेमांय ज्ञानीओना सत्संगना साक्षात्योगमां रहीने आ बधुं थाय छे–ते सौथी मोटी
विशेषता छे.)