संत केरी शीतल आ छांयडी
पू. बेनश्रीबेननी चरणछायामां ब्र. बहेनोनो समूह.
चित्रमां पू. बेनश्रीबेननी शीतळ छायामां ३२ ब्र बहेनो नजरे पडे छे;
ते उपरांत केटलाक ब्र. बहेनो फोटा वखते उपस्थित नहता.
“तमे आत्महितना हेतुएथी जीवन गाळजो... देवगुरुशास्त्र प्रत्ये भक्ति अने बहुमान
वधारजो... अरसपरस एकबीजानी बेनो हो–ए रीते वर्तजो ने वैराग्यथी रहेजो... एमां शासननी
शोभा छे. आत्मानुं कल्याण केम थाय... ने ते माटे पू. गुरुदेव शुं कहे छे–तेनो विचार करवो...
स्वाध्याय अने मनन वधारवुं. ब्रह्मचर्य प्रतिज्ञाने लीधे आत्माना विचारने माटे निवृत्ति मळे छे– एम
पू. गुरुदेव वारंवार कहे छे. माटे निवृत्ति लईने स्वाध्याय–मनन करवुं. आम तमारे तमारा जीवनमां
आत्मानुं कल्याण करवानुं लक्ष राखवुं.”
(ब्रह्मचर्य अंक नं. २ मांथी) (पू. बेनश्रीबेननी शिखामण)