Atmadharma magazine - Ank 240
(Year 20 - Vir Nirvana Samvat 2489, A.D. 1963)
(Devanagari transliteration).

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आसो: २४८९ : १९ :
शोधी काढ्युं गतांकमां जे प० सोनेरी सुवाक्यो शोधी काढवा माटे आपेल हता ते
सुवाक्यो सोनगढमां जे स्थळे लखेला छे तेनी विगत अहीं आपी छे.
(१) जैन स्वाध्याय मंदिर (१९) स्वाध्याय मंदिर (३३) स्वाध्याय मंदिर
(२) कुंदकुंद प्रवचन मंडप (२०) जैनमंदिर (३४) प्रवचन मंडप
(३) प्रवचन मंडप (२१) गोगीदेवी आश्रमनी (३प) स्वा. मंदिर. स्वा. भवन
(४) मनफूला–स्वाध्याय भवन स्वाध्याय शाळा (३६) स्वाध्याय मंदिर
(प) प्रवचन मंडप (२२) स्वाध्याय मंदिर (३७) जिनमंदिर
(६) स्वाध्याय भवन (२३) मानस्तंभ (३८) जिनमंदिर
(७) जिनमंदिर (२४) स्वाध्याय मंदिर (३९) स्वाध्याय मंदिर
(८) स्वाध्याय मंदिर (२प) मानस्तंभ अने स्वा. शाळा (४०) स्वाध्याय भवन
(९) मानस्तंभ (२६) स्वाध्याय मंदिर (४१) मानस्तंभ
(१०) प्रवचन मंडप (२७) प्रवचन मंडप (४२) मानस्तंभ
(११) स्वाध्याय मंदिर (२८) स्वाध्याय मंदिर तथा (४३) स्वाध्याय मंदिर
(१२) जिनमंदिर स्वाध्याय शाळा (४४) स्वाध्याय भवन
(१३) जिनमंदिर (२९) जिनमंदिर (४प) जिनमंदिर
(१४) स्वाध्याय मंदिर (३०) जिनमंदिर (४६) स्वाध्याय भवन
(१प) स्वाध्याय मंदिर (३१) स्वाध्याय मंदिर, (४७) स्वाध्याय भवन
(१६) बेनश्रीबेननुं घर स्वाध्याय शाळा, स्वाध्याय (४८) स्वाध्याय शाळा
(१७) जिनमंदिर भवन, मानस्तंभ (४९) स्वाध्याय शाळा
(१८) प्रवचन मंडप (३२) जिनमंदिर (प०) आत्मधर्म–ओफिस
सम्यग्द्रष्टिनां
उज्जवळ परिणाम
सम्यग्द्रष्टिनां परिणाम उज्जवळ छे. ते उज्जवळताने
तेओ ज जाणे छे, मिथ्याद्रष्टिओ ते उज्जवळताने जाणता नथी.
मिथ्याद्रष्टि तो बहिरात्मा छे; अंतरात्मानी गति
बहिरात्मा शुं जाणे?