Atmadharma magazine - Ank 242-243
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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तुरत लक्षमां लेशो....जी
आगामी वैशाख सुद बीजे मुंबइ नगरीमां पू. गुरुदेव श्री कानजी स्वामीनी
७प मी जन्मजयंती हीरकजयंती महोत्सव तरीके उजवाशे, ते प्रसंगे एक अभिनंदनग्रंथ
प्रसिद्ध थशे. ते अभिनंदनग्रंथनी संपादकसमिति तरफथी दरेक गामना मुमुक्षु मंडळने
नीचेनी बाबतो तुरत मोकलवा विनंति करवामां आवे छे.
(१) आपना गामना जिनमंदिरनो फोटो. (केबीनेट साइझ)
(२) मूळनायक भगवाननो फोटो. (नाम सहित)
(३) मुमुक्षुमंडळनो ग्रूप फोटो. (प्रमुखनुं नाम)
(४) मुमुक्षुमंडळ तरफथी श्रद्धांजलिरूप लेख.
* आ उपरांत कोइ विशेष फोटा, लेख वगेरे होय तो ते.
राजकोट, जामनगर, गोंडल, मोरबी, वांकानेर, जेतपुर, वडीआ, सावरकुंडला,
अमरेली, आंकडिया, सुरेन्द्रनगर, चोटीला, वढवाण शहेर, जोरावरनगर, लीमडी,
राणपुर, बोटाद, लाठी, वींछीया, उमराळा, भावनगर, सोनगढ, कलकत्ता, जमशेदपुर,
जयपुर, अजमेर, पालेज, सुरत, वडोदरा, अमदावाद, मुंबइ, रांची, खैरागढ, जलगांव,
ईन्दोर, भोपाल. दिल्ही, खंडवा, आग्रा, किसनगढ, सनावद, गुना, मलकापुर, उज्जैन,
मद्रास, देहगाम, गुजरात वगेरे भारतभरना, तेमज विदेशमां आफ्रिका, जापान, बर्मा
वगेरेना मुमुक्षुओने पण उपरोक्त वस्तुओमांथी जे शक्य होय ते तुरत मोकलवानी
विनंति छे, केमके थोडाज वखतमां ग्रंथनुं छापकाम शरू करवानुं छे.
मोकलवानुं सरनामुं–
श्री कानजीस्वामी अभिनंदन–ग्रंथ समिति
C/o दिगंबर जैन मुमुक्षुमंडळ,
१७३–१७प मम्बादेवी रोड, मुंबइ–२
आत्मार्थिता वात्सल्य ने देवगुरुधर्मनी सेवानो संदेश
आपतुं अध्यात्मप्रेमी जिज्ञासुओनुं मानीतुं मासिक
आत्मधर्म
वार्षिक लवाजम चार रूपीआ
प्राप्तिस्थानः दि. जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट, सोनगढ (सौराष्ट्र)