गुरुदेव साथे दक्षिणना तीर्थधामोनी यात्रा
करीने, ज्यां मुंबईमां पग मुक्यो के हृदयने
आंचको आपे एवा समाचार सांभळ्या के
मोहनलाल काळीदास जसाणीनो स्वर्गवास थई
गयो. शेठ श्री मोहनभाई आ वखते यात्रा
प्रवासमां संघपति तरीके सोनगढथी ज गुरुदेवनी
साथेज हता. गुरुदेव साथेना यात्राप्रवासने
कारणे तेओ खूब ज उल्लासमां हता ने गुरुदेव
साथे यात्रा करतां तेमने घणो हर्ष थतो हतो. ए
रीते उत्साहथी दक्षिण देशना बधा तीर्थोनी यात्रा
तबीयत नबळी थयेली, तेथी आराम करवा माटे तेओने करारथी पुना जवानुं नक्की
कर्युं, जती वखते तेओए घणा भावपूर्वक गुरुदेवना दर्शन कर्या, भक्तिथी गुरुदेवनो
उपकार व्यक्त कर्यो, हीरकजयंती माटे श्रद्धांजलिनुं लखाण आप्युं, अने त्रणचार दिवस
आराम करीने पोते जलगांव आवी जशे अने पछी गुरुदेवनी साथे ज रहेशे एवी
भावना तेमणे व्यक्त करी; ने त्यांथी पू. बेनश्रीबेननी मोटरमां करारथी पुना तरफ
रवाना थया. रस्तामां तेओ प्रसन्नता बतावता हता ने वारंवार गुरुदेवनी जय
बोलावता हता. आ फेब्रुआरीनी बीजी तारीखनी वात छे; त्यारबाद त्रीजी तारीखे
बपोरे तो पुनामां पू. गुरुदेवनुं व्याख्यान सांभळ्युं, बधाय साधर्मीओने प्रेमथी मळ्या.
अरसपरस समाचार पूछया. त्यारबाद तेमना पुत्र कान्तिभाई साथे लोनावाला
आराम माटे गया.... ने ता. ४नी सवारमां तो तेओ स्वर्गवास पामी गया. तेमना
चाल्या जवाथी मात्र जसाणी कुटुंबने ज नहि परंतु आपणा आखा समाजने महान
खोट पडी छे. तेओ सेवाभावी, सरळ स्वभावी हता अने गुरुदेव प्रत्ये तेमने घणो
भक्तिभाव हतो. तेमांय छेल्ला महिनामां गुरुदेव साथे यात्राप्रवासने कारणे तेमना
जीवनमां जाणे एक प्रकारनुं परिवर्तन आवी गयुं होय एवो तेमनो उल्लास हतो.
वारंवार तेओ कहेता के मने गुरुदेव साथे यात्रामां बहु आनंद आवे