पर्यायमां नथी. जीवनी पर्यायमां तेनुं अस्तित्व छे. जो ते रागद्वेष–मोह जीवनी
पर्यायमा न होयने जडना ज होय, तो ते रागादिथी जीवने बंधन केम थाय? अने जो
रागादिथी पण बंधन न थतुं होय तो पछी वीतरागताने ने मोक्षमार्गनो उपदेश देवानुं
के तेनो उद्यम करवानुं क्यां रह्युं? माटे पर्यायमां जे रागादि छे ते व्यवहारथी जीवना ज
छे ने तेनाथी कर्मबंधन थाय छे–एम जाणवुं जोईए, ने भूतार्थस्वभावना आश्रय वडे
तेना नाशनो उद्यम करवो जोईए.
बिमारीथी अकस्मात स्वर्गवास पाम्या.... तेमनी उपर मात्र ३६ वर्षनी हती तेओ
भजनमंडळीना एक मुख्य गायक हता, अने सोनगढमां तेमज सौराष्ट्रना अनेक
गामोमां तेओ अनेकवार आवी गयेला छे. तेमना मधुर भजनो सौने प्रिय लागता.
आवी नानी उंमरमां तेमना स्वर्गवासथी तेमना कुटुंबने तेमज भजनमंडळीने न पुराय
तेवी खोट पडी छे. आ प्रसंग वैराग्यप्रेरक छे. भाई शांतिलालजीनो आत्मा भगवान
जिनेन्द्रदेवनी भक्तिमां आगळ वधी तत्त्वज्ञानवडे आत्महित साधे–ए ज भावना.