आदर्शरूप छे. आत्मानी साधना ए जगतनुं
सर्वोत्कृष्ट अभिनंदनीय कार्य छे, ए कार्यनी अमने
प्रेरणा आपीने आप पण अभिनंदनीय बन्या
छो..... आपश्रीनी ७पमी जन्म जयंतीना
‘अमृत महोत्सव’ प्रसंगे भारतना भक्तोनी
साथे आ ‘आत्मधर्म’ पण आपने अभिनंदे छे.
Atmadharma magazine - Ank 247
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).
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