Atmadharma magazine - Ank 247
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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श्री कानजीस्वामी–हीरकजयंती–अभिनंदन–अंक
वैशाख सुद २ः ३पः
प्रश्नः–भारतदेशमां अत्यारे सौथी वधु दि. जिनप्रतिमाओ क्यां छे?
उत्तरः–मध्य भारतमां आवेला देवगढ पर्वत उपर सौथी वधु जिनप्रतिमाओ छे,
त्यां लाखो प्राचीन जिनप्रतिमाओ बिराजमान छे, तेनुं अद्भुत
कळाकौशल्य देश–विदेशमां प्रसिद्ध छे.
प्रश्नः–आ भरतक्षेत्रनी आ चोवीशीना २४ तीर्थंकरो क्यां जन्म्या?
उत्तरः–भरतक्षेत्रना चोवीशे तीर्थंकरो त्रणे काळ आपणा आ भारतदेशमां ज
जन्मे छे. आ चोवीशीमांना पांच तीर्थंकरो अयोध्यामां जन्म्या छे. आ
भरतक्षेत्रमां जेटला चक्रवर्तीओ थाय तेओ पण भारतमां ज जन्मे छे.
आ रीते भारतनुं आध्यात्मिक गौरव भरतक्षेत्रमां अजोड छे.
तीर्थंकरोना जन्मस्थान नीचे मुजब छे–
नंनामजन्मस्थान नंनामजन्मस्थान
१.श्री. ऋषभनाथअयोध्या१३ श्री विमळनाथ कंपिलानगरी
२.” अजितनाथअयोध्या१४ ” अनंतनाथअयोध्या
३.” संभवनाथश्रावस्ती१प ” धर्मनाथरत्नपुरी
४.” अभिनंदनअयोध्या१६ ” शान्तिनाथ हस्तिनापुर
प.” सुमतिनाथअयोध्या१७ ” कुन्थुनाथहस्तिनापुर
६.” पद्मप्रभुकौशांबी१८ ” अरनाथहस्तिनापुर
७.” सुपार्श्वनाथवाराणसी१९ ” मल्लिनाथ मिथिलापुरी
८.” चन्द्रप्रभुचंद्रपुरी२० ” मुनिसुव्रतराजगृही
९.” पुष्पदंतकाकंदी२१ ” नमिनाथमिथिलापुरी
१०. ” शीतलनाथभद्रिकापुरी २२ ” नेमनाथशौरपुर
११. ” श्रेयांसनाथसिंहपुरी२३ ” पार्श्वनाथवाराणसी
१२. ” वासुपूज्यचंपापुरी२४ ” महावीरवैशाली
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