Atmadharma magazine - Ank 247
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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श्री कानजीस्वामी–हीरकजयंती–अभिनंदन–अंक
वैशाख सुद २ः १ः
वर्षः २१वीर सं.
अंकः ७र४९०
२४७
तंत्री
जगजीवन बावचंद दोशी
वैशाख
भारतनुं नवसर्जन
आजे गुरुदेव भारतनुं नवसर्जन करी रह्या
छे....भारतनी साची प्रगति, साचुं नवसर्जन,–
जेनाथी जीवोने शांति प्राप्त थइ शके एवी महान
क्रांति अध्यात्मज्ञान वडे ज थई शके. राष्ट्रपति के महा
अमात्य जेवुं मोटुं पद पामवा छतां जे जीवो शांति
नथी पामी शकता, ने शांति अध्यात्मज्ञान वडे सहज
मात्रमां जीव पामी शके छे. एवा अध्यात्मज्ञान वडे
पू. श्री कानजीस्वामी आजे भारतनुं नवसर्जन करी
रह्या छे. हीरक जयंती प्रसंगे आपणे तेमने परम
भक्तिथी अभिनंदीए....अने ज्ञानप्रकाश वडे
आपणा जीवननुं तेओ नवसर्जन करे–एम प्रार्थना
करीए छीए.....