Atmadharma magazine - Ank 247
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

< Previous Page   Next Page >


PDF/HTML Page 67 of 83

background image
श्री कानजीस्वामी–हीरकजयंती–अभिनंदन–अंक
ः प८ः वैशाख सुद २
द....स....वा....र्ता....
धर्मप्रेमी बालबंधुओ, आ वैशाख सुद बीजे गुरुदेवनो जन्मोत्सव;
जन्मोत्सव तो खरो, पण हीरकजन्मोत्सव बहु आनंदनो उत्सव ए
जन्मोत्सवना आनंदनिमित्ते आ खास अंक बहार पाडयो छे. आ अंकमां
तमारा माटे कंइक सारूं सारूं तमने गमे एवुं आपुं.
बोलो जोईए, तमने शुं गमे?
अमने तो सारी मजानी वार्ता गमे
शेनी वार्ता गमे?
धर्मनी वार्ता बहु गमे.
धर्मनी वार्तामां कोनी वार्ता गमे?
कोइ भगवाननी, कोइ मुनिनी, कोइ धर्मात्मानी, कोइ सतीनी कोइ
सिंहनी, वाघनी, हाथीनी–एवी एवी वार्ता अमने गमे.
सारूं; तो तमने गमे छे एवी ज वार्ता आ अंकमां आपीए छीए.
पण केटली वार्ता आपीशुं?
दस!
दस वार्ता! ठीक चालो दस वार्ता आपीए; पण होंशथी ने आनंदथी
वांचजो. वांचीने तेमांथी धर्मनो बोध लेजो.
* * *