पोन्नूरधाम...चारेय भाईओ झरीयनना सुंदर वस्त्राभूषणथी सोनगढना
स्वाध्यायमंदिरमां शोभी रह्या छे... कानजीस्वामीने ए चारेय भाईओ बहु ज वहाला
छे ने एमनी पासेथी हंमेशां कंईक ने कंईक नवुं जाणे छे...जो के तेमने बीजा पण
केटलांक भाईओ छे पण आ चार भाईओ तो जैनशासनमां अजोड छे...अनेक
संतमुनिओए तेमनुं बहुमान कर्युं छे...ने कोईक मुनिओए तेमनी टीका पण करी
छे...ओळख्या तमे ए चार भाई ने? जुओ, आ रह्या ए चार भाईओ–
समयसार, प्रवचनसार, नियमसार, पंचास्तिकाय. केवा मजाना छे चार भाई!
ए नंदननुं मोसाळ महाविदेहमां–सीमंधरनाथनी धम सभामां छे...पोन्नूरधाम एमनुं
जन्म स्थान छे के ज्यां बेठाबेठा कुंदकुंदस्वामीए ए महान शास्त्रोने स्वानुभूतिमांथी
जन्म आप्यो...सोनगढना स्वाध्यायमंदिरमां ए चारे शास्त्रो झरीना पुंठाथी शोभी रह्या
छे...ए चारे शास्त्रो कानजीस्वामीने बहु वहाला छे ने हंमेशा तेनी ऊंडी स्वाध्यायद्वारा