: २ : आत्मधर्म : जेठ : २४९०
मुंबईनगरीनो प्रतिष्ठा महोत्सव
भारतना महान शहेर मुंबईनगरमां भगवान
जिनेन्द्रदेवनी प्रतिष्ठानो पंचकल्याणक महोत्सव महान
उत्साहपूर्वक ऊजवायो. दादर–मुंबईमां थयेल नूतन
भव्य जिनमंदिर तथा समवसरण–मंदिरमां भगवंतोनी
प्रतिष्ठाना आ महोत्सवमां भारतना चारेकोरथी पांच
हजार उपरांत भक्तजनोए होंशथी भाग लीधो हतो.
पू. श्री कहानगुरुना प्रतापथी उत्सव घणो
प्रभावशाळी हतो.
मुंबईनगरीना भक्तो अने भारतना अनेक मुमुक्षुओ आतुरताथी जेनी राह
जोता हता ते प्रतिष्ठामहोत्सव ऊजववानो धन्य अवसर आवी पहोंच्यो. एक तरफ
गुरुदेवनी अमृतजयंतीनो हीरकमहोत्सव आनंदपूर्वक पूर्ण थयो ने बीजी तरफ भगवान
जिनेन्द्रदेवना पावन पंचकल्याणको शरू थया. वैशाख सुद पांचमनी रात्रे कुमारिका
बहेनो द्वारा पंच परमेष्ठी भगवंतोनी मंगलस्तुतिपूर्वक गर्भकल्याणकनी पूर्वक्रियाना
द्रश्यो थया हता; तेमां, भरतक्षेत्रमां तेवीसमा तीर्थंकर पार्श्वनाथ भगवानना जन्मनी
वात जाणीने ईन्द्रसभामां देवोनो आनंद, ५६ कुमारिका देवीओ द्वारा माताजी
वामादेवीनी सेवा, देवोद्वारा मातपितानुं बहुमान, माताजीना १६ मंगळ स्वप्नो वगेरे
द्रश्यो जोतां, हमणां तीर्थंकरदेवनो भरतक्षेत्रमां अवतार थशे–ए जाणीने सौने आनंद
थयो हतो. जाणे चोथाकाळमां बेठा बेठा ते काळना मंगळ प्रसंगो नजरे नीहाळी रह्या
होईए–एवी उर्मिओ अंतरमां जागती हती.