(४३) धर्मात्माने कया भावो होय?
(४४) कुंदकुंदाचार्यने कया भावो हशे?
(४प) भरतक्षेत्रना धर्मात्माने अत्यारे कया भावो होय?
(४६) विदेहक्षेत्रना धर्मात्माने कया भावो होय?
(४७) १४ मा गुणस्थाने कया भावो होय?
(४८) १३ मा गुणस्थाने कया भावो होय?
(४९) १२ मा गुणस्थाने कया भावो होय?
(प०) ११ मा गुणस्थाने कया भावो होय?
(प१) पहेला गुणस्थाने होय ने १४ मा गुणस्थाने न होय–ए कयो भाव?
(प२) पहेला गुणस्थाने होय ने १४ मा गुणस्थाने पण होय–ए कयो भाव?
(प३) पहेला गुणस्थाने न होय ने १४ मा गुणस्थाने पण न होय–ए कयो भाव?
(प४) संसार दशामां सळंग रहेनार भाव कयो?
(पप) आव्या पछी कदी जाय नहि–ए कयो भाव?
(प६) ज्ञाननो क्षायकभाव कइ गतिमां होय?
(प७) श्रद्धानो क्षायकभाव कइ गतिमां होय?
(प८) चारित्रनो क्षायकभाव कइ गतिमां होय?
(प९) श्रद्धानो क्षयोपशमभाव कइ गतिमां होय?
(६०) ज्ञाननो क्षयोपशमभाव कइ गतिमां होय?
(६१) ज्ञाननो क्षयोपशम न होय–एम क्यारे बने?
(६२) एकवार नाश पाम्या पछी फरी आवी शके–ए कयो भाव?
(६३) एकवार नाश पाम्या पछी फरी कदी न आवे एवा बे भाव कया?
(६४) राग ते कयो भाव?
(६प) मतिज्ञान ते कयो भाव?
(६६) मोक्ष ते कयो भाव?
(६७) मतिज्ञानावरणनो संपूर्ण क्षय थाय त्यारे कयुं ज्ञान प्रगटे?