Atmadharma magazine - Ank 249
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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अषाढः २४९०ः पः
(६८) उपशमभावना केटला प्रकारो?
(६९) क्षायकभावना केटला प्रकारो?
(७०) क्षयोपशमभावना केटला प्रकारो?
(७१) उदयभावना केटला प्रकारो?
(७२) उदयभावनी साथे सदा होय ज–ए कयो भाव?
(७३) चोथा गुणस्थाननी पहेलां न होय–ते कया भाव?
(७४) अगियारमा गुणस्थान पछी न होय ते कयो भाव?
(७प) १२ मा गुणस्थान पछी न होय ते कयो भाव?
(७६) १ ला गुणस्थाने होय ने १३ मा गुणस्थाने न होय ते कयो भाव?
(७७) संसारदशामां जीवने कयो भाव सौथी ओछो काळ रहे?
(७८) संसारदशामां जीवने कयो भाव सौथी वधु काळ रहे?
(७९) साधकभावना कारणरूप भावो कया?
(८०) साधकदशानी शरूआत कया भावे?
(८१) साधकदशानी पूर्णता कया भावे?
(८२) संसारदशामां सदाय नियमथी साथे ज होय–एवा बे भाव कया?
(८३) सीमंधरभगवानने अत्यारे कया कया भावो छे?
(८४) महावीर भगवानने अत्यारे कया कया भावो छे?
(८प) सीमंधरभगवानना गणधरने अत्यारे कया कया भावो संभवी शके?
(८६) पांच भावोमांथी बंधनुं कारण कयो भाव?
(८७) पांच भावोमांथी मोक्षनुं कारण कया भाव?
(८८) बंध–मोक्ष वगरनो भाव कयो?
(८९) उदयभावना गुणस्थानो कया कया?
(९०) उपशमभावना गुणस्थानो कया कया?
(९१) क्षयोपशमभावना गुणस्थानो कया कया?
(९२) क्षायकभावना गुणस्थानो कया कया?
(९३) उपशमभाववाळा जीवो केटला?
(९४) संसारमां उपशम करतां क्षायकभाववाळा–जीवो केटला?