Atmadharma magazine - Ank 250
(Year 21 - Vir Nirvana Samvat 2490, A.D. 1964)
(Devanagari transliteration).

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ः १४ः श्रावणः २४९०
आ...त्मा...र्थी
आत्मार्थी जीवने पोतानुं आत्मस्वरूप समजवा माटे अंतरमां एटली गरज छे के
बीजा लोको मान–अपमान करे तेनी सामे जोतो नथी; ‘मारे तो मारा आत्माने रीझववो
छे,–मारे जगतने नथी रीझववुं, जगत करतां आत्मा वहालो लाग्यो छे, आत्मा करतां
जगत वहालुं नथी, (जगत इष्ट नहि आत्मथी)’ आवी आत्मानी लगनीने लीधे
जगतना मान–अपमानने गणकारतो नथी. मारे समजीने मारा आत्मानुं हित साधवुं छे,
एवुं ज लक्ष छे; पण हुं समजीने बीजाथी अधिक थाउं, के हुं समजीने बीजाने समजावुं–
एवी वृत्ति ऊठती नथी.–जुओ आ आत्मार्थी जीवनी पात्रता!
मधदरियामां डुबकां खातो होय तेने एक ज लक्ष छे के हुं दरियामां डूबतां केम
बचुं? त्यां कोई सज्जन आवीने तेने बचावे तो केवी उपकारबुद्धि थाय?–अहा! मने
दरियामां डुबतो आणे बचाव्यो, आणे मने जीवन आप्युं–एम महाउपकार माने; तेम
भवसमुद्रमां गोथां खाइखाइने थाकेला जीवने एक ज लक्ष छे के मारो आत्मा आ
संसारसमुद्रथी केम बचे! त्यां कोई ज्ञानी संत तेने तरवानो उपाय बतावे तो ते प्रमाद
वगर, उल्लसता भावथी ते उपाय अंगीकार करे छे. जेम डुबता पुरुषने कोई वहाणमां
बेसवानुं कहे तो शुं ते जराय प्रमाद करे?–न ज करे. तेम संसारथी तरवाना कामी
आत्मार्थी जीवने ज्ञानीसंतो भेदज्ञानरूपी वहाणमां बेसवानुं कहे छे, त्यां ते आत्मार्थी
जीव भेदज्ञानमां प्रमाद करतो नथी; अने भेदज्ञाननो उपाय दर्शावनारा संतो प्रत्ये तेने
महान उपकारबुद्धि थाय छे के हे नाथ! अनंत जन्म–मरणना समुद्रमांथी आपे अमने
बहार काढया, भवसमुद्रमां डुबता अमने आपे बचाव्या; संसारमां जेनो कोई बदलो
नथी एवो परम उपकार आपे अमारा उपर कर्यो.
***
बाहुबली–समाचार
मैसुर प्रांतमां श्रवणबेलगोलाना इन्द्रगिरि पहाड पर स्थित विश्वप्रसिद्ध प७ फूट
उन्नत भगवान बाहुबली (गोमट्टेश्वर) नो महा मस्तकाभिषेक लगभग १२ वर्षे थाय
छे, ए प्रसंगे भारतभरमांथी ४०–प० हजार भक्तो त्यां भेगा थाय छे. छेल्लो महा
अभिषेक इ. स. १९प३मां थयेलो. आगामी महा अभिषेक इ. स. १९६६मां थशे–एम
तीर्थक्षेत्र कमिटिए सूचीत कर्युं छे. श्रवणबेलगोलाना गोमट्टस्वामीतीर्थनो वहीवट दि.
जैन समाजवती मैसुर गवर्नमेन्ट संभाळती हती. हवे एक दि. जैन ट्रस्ट बनावीने तेने
बधो प्रबंध सोंपी देवानुं मैसुर गवर्नमेन्टे स्वीकार्युं छे.–आथी आ पावन तीर्थनी विशेष
उन्नत्ति सुगम बनशे.