ः २०ः श्रावणः २४९०
(३४) आठ कर्ममांथी उदय केटलामां होय?
–आठेयमां.
(३प) आठ कर्ममांथी क्षय केटलामां होय?
–आठेयमां.
(३६) आठ कर्ममांथी उपशम केटलानो होय?
–मोहनीयनो एकनो ज.
(३७) आठ कर्ममांथी क्षयोपशम केटलानो होय?
–चार घाती कर्मनो.
(३८) अनादिअनंत भाव क्यो?
–पारिणामिकभाव.
(३९) सादिअनंत भाव क्यो?
–क्षायकभाव.
(४०) अनादि सांत भाव क्यो?
–उदय, क्षयोपशम अने पारिणामिकभाव.
(४१) सादि–सांत भाव क्यो?
–उपशमभाव.
(४२) धर्मी न होय ते जीवने कया भाव होय?
–उदय, क्षयोपशम अने पारिणामिकभाव होय.
(४३) धर्मात्माने कया भावो होय?
–पांचेय भावो होइ शके.
(४४) कुंदकुंदाचार्यने कया भावो हशे?
–धर्मप्राप्ति काळे उपशम, उपरांत क्षयोपशम, उदय ने पारिणामिक.
(४प) भरतक्षेत्रना धर्मात्माने अत्यारे कया भावो होय?
–उपर प्रमाणे चार.
(४६) विदेहक्षेत्रना धर्मात्माने कया भावो होय?
–पांचे भावो होइ शके.