Atmadharma magazine - Ank 253
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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: ६ : : कारतक :
श्रमणो जिनो तीर्थंकरो ए रीत सेवी मार्गने,
सिद्धि वर्या, नमुं तेमने, निर्वाणना ते मार्गने.
भगवान महावीरे ज्यारे मोक्षगमन कर्युं त्यारे अमासनी अंधारी रात होवा
छतां सर्वत्र एक चमत्कारिक दिव्य प्रकाश फेलाई गयो हतो, अने त्रण लोकना जीवोने
भगवानना मोक्षना आनंदकारी समाचार मळी गया हता. देवेन्द्रो अने नरेन्द्रोए
भगवानना मोक्षनो मोटो महोत्सव कर्यो. अमासनी अंधारी रात करोडो दीपकोथी
झगमगी ऊठी. करोडो दीपनी आवलीथी उजवायेलो ए निर्वाणमहोत्सव दीपावली पर्व
तरीके भारतभरमां प्रसिद्ध थयो...ने ईस्वीसननी पहेलां प२७ वर्ष पूर्वे बनेलो ए
प्रसंग आजेय आपणे सौ आनंदपूर्वक दीपावली पर्व तरीके आनंदथी ऊजवीए छीए.
दीपावली ए भारतनुं सर्वमान्य आनंदकारी धार्मिक पर्व छे.
आवा आ दीपावली पर्वना मंगल प्रसंगे वीरप्रभुनी
आत्मसाधनाने याद करीने आपणे पण ए वीरमार्गे
संचरीए ने आत्मामां रत्नत्रयदीवडा प्रगटावीने
अपूर्व दीपावलीपर्व ऊजवीए...ए ज भावना.
जय महावीर