अमृतचंद्रस्वामीए जे ४७ शक्तिओनुं अद्भुत वर्णन
कर्युं छे तेना उपर हमणां मागशर–पोष मासमां
शक्तिओ वंचाय त्यारे त्यारे गुरुदेवने नवीन
श्रवणथी उल्लसित थाय छे. आ वखतनां
प्रवचनोमांथी दोहन करीने केटलोक भाग अहीं
अनेकान्तस्वरूप आत्मा अनंतशक्तिना वैभवथी परिपूर्ण छे. एनी महत्ता
ज बीजी अनंत शक्तिओ पण निर्मळ परिणमनथी उल्लसे छे; तेनुं अलौकिक वर्णन
अमृतचंद्र स्वामीए ४७ शक्ति बतावीने कर्युं छे. आ ४७ शक्तिओ घातीकर्मोनी घातक
छे. घातिकर्मोनी प्रकृति पण ४७ छे. ४७ शक्तिद्वारा अनंत शक्तिस्वरूप आत्माने जे
ओळखे तेने ४७ घातीकर्मोनो नाश थईने केवळज्ञानादि अनंत शक्तिओ खीली जाय.
सौथी पहेलां तो ज्ञान साथे जीवत्व पण छे. सौथी पहेलुं चैतन्यजीवन बताव्युं.
छे. आवी शक्ति दरेक आत्मामां छे. ते शक्तिनी प्रतीत करतां पर्यायमां ते प्रगट
प्राणोमां पोतानुं जीवन मानी रह्यो