Atmadharma magazine - Ank 264
(Year 22 - Vir Nirvana Samvat 2491, A.D. 1965)
(Devanagari transliteration).

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: आसो : आत्मधर्म : ३७ :
सुवर्णपुरी समाचार
धर्मरत्न श्री रामजीभाईनो भव्य सन्मान समारोह
सोनगढ ता. ३०–८–६प
भाईश्री रामजीभाई माणेकचंद दोशी भूतपूर्व प्रमुख श्री दि. जैन स्वाध्याय
मंदिर ट्रस्ट सोनगढ तेओश्रीनी ८३ वर्षनी जन्म जयन्तीनो शानदार सन्मान समारोह
उजववामां आव्यो.
मुंबई, राजकोट, ईन्दौर, कलकत्ता, दिल्ली आदि सर्व मुमुक्षु मंडळ द्वारा उदार
चरित श्री रामजीभाईनी सेवा स्मृति माटे एक लाख ने एक रूपीया भेळा थया तेनो
उपयोग ज्ञान प्रचारमां करवामां आवशे.
परमोपकारी पू गुरुदेवना तत्त्वावधानमां विशाळ सभा तथा महेमानोनी वच्चे
सन्मानपत्र (अभिनन्दन पत्र) वांची संभळाववामां आव्यो पछी श्री नवनीतभाई सी.
झवेरी. प्रमुख श्री दिगम्बर जैन स्वाध्याय मंदिर ट्रस्ट तथा दि. जैन मुमुक्षु महामंडळ द्वारा
चांदीनो सुंदरतम कलाकृतिथी अलंकृत मानस्थंभ तथा अभिनन्दन पत्र श्री रामजीभाईने
अर्पण करीने तेओश्रीनी बहुविध अमूल्य सेवाओनुं वर्णन करवामां आव्युं.
बहारगामथी सेंकडो, तार, टपाल द्वारा अभिनन्दन संदेश आव्या. आ सन्मान
वखते श्री खीमचंदभाई, श्री लालचंदभाई, श्री पं बनारसीदास (लश्कर म प्र) श्री
चीमनलाल ठाकरशी तथा श्री नेमीचंदजी पाटनीजीए पू गुरुदेवनो परम उपकार
मानीने श्री रामजीभाई द्वारा सर्वज्ञ वीतराग कथित धर्मनी महान प्रभावनाना कार्यमां
जे बहुविध सहायता मळी छे तेनुं यथोचित वर्णन कर्युं. ज्यारे मानपात्र वंचायुं तथा
ज्यारे श्री रामजीभाईए मानस्तंभ माथा उपर विनय सहित धारण कर्यो वखतनो ते
वखतनो देखाव खरेखर अद्भूत हतो.
ब्र. गुलाबचंद जैन