: मागशर : २४९२ आत्मधर्म : ६७ :
कलकत्तानी रथयात्रा; अने राष्ट्रीय–संरक्षणफंडमां रूा. प१००१/–
कलकत्तानी रथयात्रा बंगाळप्रांतमां सेकडो वर्षथी सुप्रसिद्ध छे अने हजारो–
लाखो जीवो ए रथयात्रामां पार्श्वप्रभुना दर्शन करे छे. दर वर्षे कारतक सुद पूनमे आ
भव्य रथयात्रा नीकळे छे, भारतना जैन ईतिहासमां एनुं गौरवभर्युं स्थान छे. आ
वर्षे पण पार्श्वप्रभुनी भव्य रथयात्रा नीकळी हती, परंतु विशेषता ए हती के आ
वखते राष्ट्रनी परिस्थित लक्षमां लईने रथयात्रामां सादाई अपनाववामां आवी हती,
ने बेलगछीयामां दर वर्षे थतुं मोटुं वात्सल्यजमण बंध राखवामां आव्युं हतुं. तेने
बदले दि. जैनसमाज तरफथी रूा. प१००१/– (एकावन हजार ने एक) राष्ट्रीय सुरक्षा
फंडमां बंगाळना मुख्यप्रधान श्री सेनने अर्पण करवामां आव्या हता.
जिज्ञासुओने उपयोगी प्रकाशनो
अध्यात्मसन्देश: (त्रण चिठ्ठि उपरनां सुंदर प्रवचनो)
आ पुस्तकनी किंमत रूा. बे हती तेने बदले हवे मात्र एक रूपीओ राखवामां
आवी छे.
सम्यग्दर्शन पुस्तक पहेलुं–बीजुं–त्रीजुं
सम्यग्दर्शननी भावना माटे दरेक जिज्ञासुने उपयोगी, आ त्रणे पुस्तकना सेटनी
किंमत मात्र बे रूपिया छे. (पुस्तक पहेलुं प० पैसा; पुस्तक बीजुं एक रूपियो; पुस्तक
त्रीजुं पचास पैसा.)
रत्नसंग्रह : दरेक जिज्ञासुने गमी जाय तेवुं सुंदर संकलन. किंमत एक रूपियो
भगवान महावीर : (सचित्र) पंदर पैसा
– श्री जैन स्वाध्याय मंदिर सोनगढ (सौराष्ट्र)