समयसार–कलश २११ उपर पू. गुरुदेवना
गतांकमां आवेल छे. तेमां, वस्तुस्वरूपथी कर्ता–
कर्मपणुं एक ज वस्तुमां होय छे–एवी स्वतंत्रतानी
घोषणा करतां एम बताव्युं के (१) वस्तुना जे
परिणाम छे ते ज खरेखर कर्म छे; अने (२) ते
परिणाम वस्तुनां ज छे, बीजानां नहि. त्यार
पछीना बीजा बे बोल अहीं आपवामां आव्या छे.
वस्तुस्वरूपनी आवी स्वतंत्रता समजतां, भेदज्ञान
थईने स्वद्रव्याश्रित मोक्षमार्ग प्रगटे छे.
शून्यमांथी कोई कार्य उत्पन्न थई जाय एम बनतुं नथी.