पाछळ हेरान थाय छे एना करतां सर्वज्ञदेवे कहेलुं आ परम सत्य वीतरागी
विज्ञान समजे तो अपूर्व कल्याण थाय.
परिणामी–वस्तुमां ज तेनां परिणाम थाय छे, एटले परिणामी वस्तु ते कर्ता
छे, तेना वगर कार्य होतुं नथी. जुओ, आमां निमित्त वगर कार्य न होय–एम
न कह्युं. निमित्त निमित्तमां रह्युं, ते कांई आ कार्यमां आवी जतुं नथी. माटे
निमित्त विनानुं कार्य छे पण परिणामी वगरनुं कार्य होय नहि. निमित्त भले
हो, पण तेनुं अस्तित्व ते निमित्तमां छे, आमां तेनुं अस्तित्व नथी. परिणामी
वस्तुनी सत्तामां ज तेनुं कार्य थाय छे. आत्मा विना सम्यक्त्वादि परिणाम न
होय. पोताना बधा परिणामनो आत्मा कर्ता छे, तेना वगर कर्म न होय.
नहि. अवस्था छे ते त्रिकाळी वस्तुने जाहेर करे छे–प्रसिद्ध करे छे के आ
अवस्था आ वस्तुनी छे.
आत्मा तेनो कर्ता नथी.