धार्मिक भावना व्यक्त करी छे; ते सौने गमशे; ने बाळकोने गावामां मजा आवशे.
नमशुं अमे नमशुं अमे वीतरागी देवने नमशुं अमे.
भणशुं अमे भणशुं अमे साचा शास्त्रोने भणशुं अमे.
धरशुं अमे धरशुं अमे रत्नत्रय धर्मने धरशुं अमे.
गाशुं अमे गाशुं अमे पंच परमेष्ठी गीत गांशु अमे.
जाशुं अमे जाशुं अमे मुक्ति नगरीमां जाशुं अमे.
म्हालशुं अमे म्हालशुं अमे अतीन्द्रिय सुखमां म्हालशुं अमे.
सुणशुं अमे सुणशुं अमे संतोनी वाणी सुणशुं अमे.
लडशुं अमे लडशुं अमे मोह शत्रुनी सामे लडशुं अमे.
भगाडशुं अमे भगाडशुं अमे कर्म सेनाने भगाडशुं अमे
जमशुं अमे जमशुं अमे समकितनी सुखडी जमशुं अमे.
लेशुं अमे लेशुं अमे संतोनी चरण रज लेशुं अमे.
फरकावशुं अमे फरकावशुं अमे जैनधर्मनो ध्वज फरकावशुं अमे
बोलशुं अमे बोलशुं अमे जिनवर की जय! जय! बोलशुं अमे.
सुधी पाकुं आवडे छे! तो भाई, भले आवडतुं होय! पण अमारा सोनगढना बाळक जेवुं