: ३२ : आत्मधर्म : फागण : २४९२
फागण मासना मंगल दिवसे
(अहीं मंगल दिवसोनो जे उल्लेख करवामां आवे छे ते जिनेन्द्रपूजा संग्रहना
आधारे करवामां आवे छे. तिथि संबंधमां क्वचित पाठांतर पण जोवामां आवे छे.
फागण सुद बीज : सीमंधरनाथ सुवर्णधाममां पधार्या.
फागण सुद ३ : अरनाथ भगवान जन्मकल्याणक.
फागण सुद प : मल्लिनाथ भगवाननो मोक्ष.
फागण सुद ७ : चंद्रप्रभु भगवाननो मोक्ष, तथा
सम्मेदशिखरजीनी यात्रानो दिवस.
फागण सुद ८: संभवनाथ भगवाननो गर्भकल्याणक.
फागण सुद ८थी १प नंदीश्वर–अष्टाहिनका मंगलपर्व.
फागण वद ४: पार्श्वनाथ भगवानने केवळज्ञान.
फागण वद प: चंद्रप्रभ भगवाननो गर्भकल्याणक.
फागण वद ८: शीतलनाथ भगवाननो गर्भकल्याणक.
फागण वद ९: श्री ऋषभदेव भगवाननो जन्म तथा दीक्षा.
फागण वद अमास अनंतनाथ भगवानने केवळज्ञान तथा मोक्ष.
आवता मासमां–चैत्र सुद तेरसे श्री महावीर भगवाननो जन्मकल्याणक छे, ए तो
भारतभरमां सुप्रसिद्ध छे. पण ते उपरांत चैत्र मासमां बीजो एक एवो दिवस आवे छे के
तीर्थंकर भगवान ते दिवसे जन्म्या छे; एटलुं ज नहि, जे दिवसे तेओ जन्म्या छे ते ज
दिवसे तेमणे दीक्षा लीधी छे, केवळज्ञान पण ते ज दिवसे पाम्या छे, ने मोक्ष पण
सम्मेदशिखरथी ए ज दिवसे पाम्या छे. तो ए क्या भगवान? ने क्यो दिवस? ते शोधी
शकशो? शोधी काढो तो शाबाशी; न शोधी शको तो आवता अंकमां अमे बतावशुं.
२४ तीर्थंकरोमां आ एक ज तीर्थंकर एवा छे के जेमना जन्म–दीक्षा–केवळज्ञान–
मोक्ष ए चारे कल्याणक एक ज दिवसे थया होय. वळी बीजा पण एक तीर्थंकर बराबर
ते ज दिवसे मोक्ष पधार्या छे.