: १८ : आत्मधर्म : चैत्र : २४९२
उत्तर:– जगतमां छ द्रव्य छे, आकाशद्रव्य सौथी मोटुं द्रव्य छे; जीवद्रव्य सौथी
महत्तावाळुं छे, केमके तेम ज बधा द्रव्योने जाणनार छे; पुद्गलपरमाणु तथा काळाणुं ए
सौथी नाना छे.
१९ प्रश्न:– हळवो स्पर्श ते अनुजीवी गुण के प्रतिजीवी?
उत्तर:– हळवो स्पर्श ते गुण नथी, पर्याय छे. पुद्गल द्रव्यना स्पर्श नामना
अनुजीवी गुणनी ते पर्याय छे.
२० प्रश्न:– सूक्ष्मत्व एटले शुं? सूक्ष्मत्व ते आत्मानो अनुजीवी गुण छे’ ए
वाक््य बराबर छे?
उत्तर:– सूक्ष्मत्व एटले ईन्द्रियोना विषयरूप स्थूलतानो अभाव; सूक्ष्मत्व ते
आत्मानो अनुजीवी गुण नथी पण प्रतिजीवी गुण छे.
२१ प्रश्न:– काळद्रव्य कोने कहे छे?
उत्तर:– वस्तुओना परिणमनमां जे निमित्त थाय तेने काळ द्रव्य कहेवाय छे.
समय, मिनिट, कलाक वगेरे तेनी पर्याय छे.
२२ प्रश्न:– चंद्र उग्यो, सूर्य आथम्यो–तेमां उत्पाद–व्यय–धु्रव कई रीते छे ते गोठवो?
उत्तर:– चंद्र अने सूर्य बंने जुदी जुदी वस्तु छे, उत्पाद व्यय–धु्रव एक ज वस्तुमां
होय छे, बे जुदी वस्तुमां उत्पाद–व्यय–धु्रव लागु पडी शके नहि.
२३ प्रश्न:– जीव द्रव्यमां बे अगुरुलघुत्वगुणो छे, ते सामान्य छे के विशेष? अने
अनुभवी छे के प्रतिजीवी?
उत्तर:– जीव द्रव्यमां एक अगुरुलघुत्वगुण सामान्य छे अने एक विशेष छे;
तेमांथी जे सामान्य छे अनुजीवी अने विशेष छे ते प्रतिजीवी छे.
२४ प्रश्न:– धर्मास्तिकाय अहींथी जिन मंदिर सुधी जाय तो तेमां तेने कयुं द्रव्य
निमित्त थाय?
उत्तर:– धर्मास्तिकाय द्रव्य स्थिर छे, ते गति करतुं ज नथी; पण गति करनारो
बीजाने निमित्त थवारूपे ते परिणमे छे.
२प प्रश्न:– निगोदने स्थावर जीव कही शकाय के नहि? अने स्थावर जीवने
निगोद कही शकाय के नहि?
उत्तर:– निगोदने स्थावर जीव कही शकाय छे पण बधा स्थावरने निगोद कही
शकाता नथी. निगोद सिवाय बीजा स्थावर पण छे
२६ प्रश्न:– अस्तिकाय केटला छे? केटला नथी?
उत्तर:– काळ सिवायना पांच द्रव्यो अस्तिकाय छे; काळ द्रव्य अस्तिकाय नथी
एक पुद्गल परमाणु पण अस्तिकाय नथी. परंतु तेनामां स्कंधरूप थवानी शक्ति
होवाथी ने अस्तिकायमां गणाय छे.
२७ प्रश्न:– अस्तिकाय ते द्रव्य गुण छे, के पर्याय छे?