Atmadharma magazine - Ank 270
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: चैत्र : २४९२ आत्मधर्म : ३७ :
(प) वन जंगलमां वसे छे, निजस्वरूपने साधे छे,
रत्नत्रय धारक छे, पण ‘आचार्य’ नथी........ए कोण? (साधु)
नमस्कार–मंत्र बोलतां आ पांचे परमेष्ठीना नाम आवडी जाय छे. तेमने
आपणा नमस्कार हो.
गतांकमां चार वात शोधी काढवानुं पूछेल तेना जवाब
(१) प्रश्न:– २४ तीर्थंकर भगवंतोमांथी अयोध्यामां जन्म्या होय ने सम्मेद
शिखरथी मोक्ष पाम्या होय एवा भगवंतो केटला ने क््या क््या छे?
उत्तर:– अयोध्यामां जन्मीने सम्मेदशिखरथी मोक्ष पामेला ४ भगवंतो छे.
अजितनाथ, अभिनंदन, सुमतिनाथ अने अनंतनाथ;
* ऋषभदेव प्रभु पण जोके अयोध्यामां जन्म्या छे, परंतु तेओ मोक्ष
सम्मेदशिखरथी नहि पण कैलासगिरिथी पाम्या छे.
* सम्मेदशिखरथी जो के वीस तीर्थंकर मोक्ष पाम्या छे परंतु तेमांथी चार
तीर्थंकरो ज अयोध्यामां जन्म्या छे. बाकीनां १६ तीर्थंकरो श्रावस्ती, कोशाम्बी, काशी,
चंद्रपुरी, काकन्दी, भद्रिकानगरी, सिंहपुरी, कम्पिलानगरी, रत्नपुरी, हस्तिनापुरी,
मिथिला तथा राजगृहीमां जन्म्या छे.
(२) प्रश्न:– २४ तीर्थंकरोमांथी अयोध्यामां जन्म्या होय पण सम्मेदशिखरथी
मोक्ष न पाम्या होय एवा तीर्थंकरो केटला ने कया कया?
उत्तर:– एक ऋषभदेव भगवान ज एवा छे के जेओ अयोध्यामां जन्म्या छे
पण सम्मेदशिखरथी मोक्ष न पाम्या.
(३) प्रश्न:– २४ तीर्थंकरोमां सम्मेदशिखरथी मोक्ष पाम्या होय पण अयोध्यामां
जन्म्या न होय एवा तीर्थंकर केटला ने कया क््या?
उत्तर:– एवा तीर्थंकरो १६ छे. संभवनाथ, पद्मप्रभु, सुपार्श्वनाथ, चंद्रप्रभु,
सुविधिनाथ, शीतलनाथ, श्रेयांसनाथ, विमलनाथ, धर्मनाथ शांतिनाथ कुंथुनाथ,
अरनाथ, मल्लिनाथ, मुनिसुव्रत, अने पार्श्वनाथ, आ तीर्थंकरो सम्मेदशिखरथी मोक्ष
पाम्या छे परंतु अयोध्यामां जन्म्या नथी, तेमनो जन्म श्रावस्ती, कौशम्बी, काशी (२),