Atmadharma magazine - Ank 271
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: ४१ : आत्मधर्म : वैशाख : २४९२
वैशाख मासना मंगळ दिवसो
(जिनेन्द्र–पूजनसंग्रहना आधारे आ मंगळ दिवसोनो उल्लेख करवामां आवे
छे; तिथि संबंधमां क्वचित पाठांतर पण जोवामां आवे छे. आ कल्याणक–तिथिओ
उपरांत २४ तीर्थंकर भगवंतो संबंधी बीजी विगतो आपवा माटे पण अनेक
जिज्ञासुओ तरफथी सूचना मळी छे, जे लक्षमां लीधी छे ने कोई वखते आपीशुं.
गतांकमां चैत्र वद ४ पार्श्वनाथ मोक्षकल्याणक लखेल छे ते भूलथी लखाई गयेल छे.
अने चैत्र सुद १प पद्मप्रभु केवळज्ञान; तथा चैत्र वद १४ नमिनाथ मोक्ष;–ए बे दिवसो
लखवा रही गया हता. ते प्रत्ये ध्यान खेंचनार भाईनो आभार.
वैशाख सुद १ कुंथुनाथ–जन्म–तप–मोक्ष.
वैशाख सुद ३ ऋषभमुनिराजनुं प्रथम पारणुं.
वैशाख सुद ६ अभिनंदन–मोक्ष कल्याणक
वैशाख सुद ८ अभिनंदन–गर्भ कल्याणक
वैशाख सुद ८ धर्मनाथ–गर्भ कल्याणक
वैशाख सुद १० वर्द्धमान–केवळज्ञान.
वैशाख वद ८ श्रेयांसनाथ–गर्भकल्याणक
वैशाख वद १० विमलनाथ–गर्भकल्याणक.
वैशाख वद १२ अनंतनाथ जन्म–तप.
वैशाख वद १४ शांतिनाथ जन्म–तप–मोक्ष
वैशाख वद ०)) अजितनाथ गर्भ कल्याणक.
आवता मासमां जेठ सुद पांचमे श्रुतपंचमी छे;
श्रुतपंचमी एटले श्रुतज्ञाननी आराधनानुं महान पर्व.
वीतरागी संतो जिनवाणीनो जे अमूल्य वारसो आपणने
आपी गया तेनी आराधनानो अने प्रभावनानो सन्देश
आपणने श्रुतपंचमी आपे छे.