प्रश्न:– (१–२) संसारी जीव दुःखी केम छे? तेनाथी केम छूटे?
उत्तर:– परनी रुचि करे छे माटे दुःखी छे; आत्मानी रुचि करे तो दुःखथी छूटे.
प्रश्न:– (३) आत्मानी रुचि केम थाय?
करवाथी आत्मरुचि थाय.
प्रश्न:– तीर्थंकर प्रकृति बांधनार महान आत्माथी भक्तोने लाभ थाय ने?
उत्तर:– ते आत्माने पोते ओळखे अने तेमना जेवी आराधना पोते प्रगट करे
प्रश्नः– आत्माकी प्राप्तिका सुगम उपाय क्या है?
ज ए प्रयत्न शरू करी दईए.–तो छ मास पण नहि लागे.
बाल विभागमां प्रश्न तरीके आपे गणितनो कोयडो मोकल्यो; तेमां शेठनो एक
भाईश्री, आपणो बालविभाग कांई शेठनो रूपियो शोधवा माटे नथी. आपणो
बालविभाग तो आत्माने शोधवा माटे छे. आत्माने शोधवामां उपयोगी थाय एवुं
लखाण मोकलो. एकला गणितने लगता प्रश्नो बालविभाग माटे उपयोगी नथी; वळी
बालविभागना बधा सभ्यो कांई गणित भणेला नथी, घणाय बाळको तो हजी साव
नाना छे.