Atmadharma magazine - Ank 271
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: ६० : आत्मधर्म : वैशाख : २४९२
शैलाबेन (आकोला) लखे छे के अमे महाराष्ट्रमां रहीए छीए, मांगीतुंगी तीर्थं
महाराष्ट्रमां आवेलुं छे ने त्यांथी श्री राम–हनुमान वगेरे मोक्ष पाम्या छे ते जाणीने
खुशी थया छीए. महाराष्ट्रमां मांगीतुंगी क््यां आवेलुं छे ते जाणवानी जिज्ञासा थाय छे
तो जणावशो.
उत्तर:– बोम्बे–नागपुर रेल्वे लाईन पर मनमाड स्टेशनथी बसद्वारा सटाणा
थईने ताराबाग उतरवुं; त्यांथी छ माईल बेलगाडी द्वारा मांगीतुंगी जवाय छे.
सौराष्ट्रमांथी जवा माटे सुरत थई नवापुर स्टेशन उतरी, त्यांथी बसद्वारा शाकरी–
पीपरनेर थईने दशवेल उतरवुं; दशवेलथी बेलगाडीद्वारा चार माईल मांगीतुंगी जवाय
छे. मुंबईथी जवा माटे नाशीकथी बस मारफत ताराबाग अथवा दशवेल जवुं त्यांथी
बेलगाडी द्वारा जवाय छे. नंदरबार अमलनेर ट्रेईनमां धूलीयाथी बसमां दशवेल
उतरवुं. विशेष माहिती जे स्टेशनथी प्रवास करवानो होय त्यांथी मेळवी लेवी.
मांगीतूंगी पहाड सुंदर छे, तेनुं चढाण जरा कपरुं छे. तेनी यात्रानुं विशेष वर्णन मंगल
तीर्थयात्रा पुस्तकमांथी वांचता प्रसन्नता थशे.
बीजा एक कोलेजियन बंधु लखे छे–
(आत्मधर्मना गतांकमां आपणा बालविभागना सभ्य नंबर ६ नो पत्र प्रगट
थयो हतो. एवा ज बीजा एक उत्साही कोलेजीयन बंधु तरफथी अमने लखाण मळ्‌युं छे.
ते फत्तेपुरवाळा चेतनकुमार छोटालाल महेता तेओ अमदावादनी कोलेजमां फर्स्ट बी.
फार्ममां अभ्यास करे छे. वीतरागमार्गनी प्रभावना माटे तेमने तमन्ना छे. तेमना
लखाणमांथी केटलुंक अहीं आप्युं छे–जे अमारा बीजा कोलेजियनबंधुओने पण
प्रेरणाकारी थशे. –सं
क हे व तो................
जुनी.......... अने.......... नवी
(१) मन होय तो माळवे जवाय......
मुमुक्षुता होय तो मोक्षे जवाय
(२) नाचवुं न होय एटले कहे के आंगणुं वांकु.....
पुरुषार्थ करवो नथी एटले पांचम आरानुं बहानुं काढे छे.
(३) प्रसूतिनी पीडा वंध्या क््यांथी जाणे?
आत्मिक आनंदना वेदनने अज्ञानी क््यांथी जाणे?