
शके पण नहि.
चित्रापृथ्वीना तळीयाना मूळभागनी जे
अनादिअनंत व्यवस्था छे ते ज व्यवस्था
आजे पण छे; फकत उपर उपसेला भागमां
दिवस–रातनी व्यवस्थामां फरक पडी गयो
छे. –अने ते फरक पण प०००
(पांचहजार) माईलनी तेनी ऊंचाईने
कारणे छे–आ ज कारणे ज्यारे हिंदुस्तानमां
दिवस होय त्यारे अमेरिकामां रात होय छे. दिवस–रातनी व्यवस्था बाबत अहीं विशेष
जे प्रदक्षिणा करी ते आ उपसेला भूभागनी पूर्वथी पश्चिम प्रदक्षिणा करी छे, उत्तरथी
दक्षिण नहीं. वच्चेनो भाग उपसेलो छे ते संबंधी आगमप्रमाण जाणवा माटे
त्रिलोकप्रज्ञप्तिना चोथा अधिकारनी गाथा १पप० थी १प६० वच्चे जुओ.
प००० पांचहजार माईलनो समजवो. चंद्रमंडळनो व्यास प६ ६१ अने विष्कंभ २४
६१ योजन छे. (एटले सूर्य करतां चंद्र मोटो छे.) (सूर्य अने चंद्रलोकमां वस्ती छे
खरी–मनुष्योनी नहि परंतु देवोनी.–त्यां सुंदर महेलो बागबगीचा जिनमंदिर वगेरे