Atmadharma magazine - Ank 272
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: ४४ : (२) : आत्मधर्म :
वैशाख सुद बीजना सुप्रभाते सोनगढमां आम्रफळथी
झूलता ७७ प्रवेशद्वारो वच्चे थईने पू. गुरुदेव मंगलमंडपमां
पधारी रह्या छे ते प्रसंगनुं द्रश्य. चारेकोरनुं वातावरण केवुं
रमणीय छे! ने हजारो भक्तो केवा होंशथी जन्मवधाईनो आनंद
माणी रह्या छे!! गुरुदेवना चरणसान्निध्यमां श्री फावाभाई पण
(हाथमां लाकडी सहित) बेठेला नजरे पडे छे. आ मंगलमंडपनां
विशेष वर्णन माटे आ अंकमां छपायेल जन्मजयंति समाचार
वांचशोजी.