: ४६ : आत्मधर्म : जेठ : २४९२
बालविभागना नवा प्रश्नो
* जवाब जेम बने तेम वेलासर मोकलो. (ता. १० जुन सुधीमां)
मात्र जवाब लखवा; प्रश्न लखवानी जरूर नथी.
बने त्यांसुधी तमारा जवाब पोस्कार्डमां ज लखो.
दरेक वखते सभ्य नंबर जरूर लखो.
जवाब सिवाय बीजुं कांई लखवानुं होय तो जुदा पत्रमां लखो.
बंधुओ, तमे आटलुं करशो तो अमने व्यवस्थामां घणी राहत रहेशे. तमे तो
एक सभ्य छो, परंतु अमारे ७०० उपरांत सभ्योनी व्यवस्था संभाळवानी छे, माटे
उपरनी सूचना लक्षमां लई जरूर सहकार आपजो.
प्रश्न:– (१) जीव अने अजीवमां शुं फेर?
प्रश्न:– (२) नीचेनी पांच वस्तुओमांथी एक वस्तु लेवानी होय तो तमे कई
वस्तु लेशो–
भारतना वडाप्रधाननुं पद; सोनानुं समयसार; सम्यग्दर्शन; स्वर्ग;
रत्ननी मूर्ति.
प्रश्न:– (३) महावीर भगवान पछी मोक्ष पाम्या होय एवा त्रण महापुरुषनां
नाम लखो.
प्रश्न:– (४) नीचेना वाक््योनी खाली जगामां मात्र एक अक्षर लखो.
१– पर–भावमां परभाव नथी.
२– विभावना नाशथी–भाव प्रगटे छे.
३– धर्मीने ध–करतां धर्म वहालो छे.
आ अंकनो कोयडो
साडाचार अक्षरनी एक वस्तु....
एनो उपलो भाग आकाशमां रहे छे....
अने आकाश एना बीजा तथा चोथा अक्षरमां रहे छे....
एमां भगवान रहे छे,