Atmadharma magazine - Ank 274
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: १० : आत्मधर्म : द्वि. श्रावण : २४९२
बाह्यमांथी उपयोगने समेटीने अंतरमां उपयोगने लगाव! अंतरमां उपयोग जोडता ज
ध्यानमां स्फूटपणे स्पष्टपणे प्रगटपणे अनंत गुणोनी निर्मळतानो अनुभव थाय छे, मोक्षमार्ग
तेमां समाई जाय छे. अहा, अनंतगुणनो अनुभव तेना अतीन्द्रिय आनंदनी शी वात!
सम्यग्दर्शन थतां आवी दशा थई जाय छे. सम्यग्दर्शननी गंभीरतानी लोकोने
खबर नथी. ज्यां अनंतगुणोनो दरियो एकसाथे निर्मळपणे उल्लस्यो छे, ने जेमां कोई
विकल्पना प्रवेशनो अवकाश नथी, एवी अनुभूति सम्यग्द्रष्टिने थाय छे.
भाई, एकवार तारी द्रष्टिने राग उपरथी ऊठाडीने तारा अनंतगुणना पिंड उपर
द्रष्टि मुक. केवळीभगवाने जे अनंतगुणो जोया छे ते बधाय गुणो तारामां भर्या छे,
सिद्धभगवंतोने जेटला पवित्र गुणो प्रगट्या छे ते बधाय गुणो तारा आत्मामां विद्यमान
छे. तेनो परम प्रेम करीने प्रगट अनुभव कर. तेना अनुभवथी आत्मामां आनंदना अमृत
वरसशे. वाह! आत्माना अनंतगुण बतावीने संतोए पंचमकाळमां अमृत वरसाव्या छे.
ज्यां चेतन त्यां अनंतगुण, केवळी बोले एम;
प्रगट अनुभव आतमा, निर्मळ करो सप्रेम रे......चेतन्यप्रभु......
चैतन्यसंपदा रे तारा धाममां....
अमृत वरस्या रे पंचमकाळमां......
चैतन्यनो परम प्रेम प्रगट करता परम समभावरूप सामायिक थाय छे,
परभावोना परित्यागरूप प्रतिक्रमण थाय छे; समस्त दोषनो छेद थईने निर्मळता प्रगटे
छे. आ रीते अंतरस्वरूपनी अनुभूतिमां सर्वे गुणो प्रगट थाय छे. अहा, अनुभूतिमां
शुं बाकी रहे छे! आखो आत्मा पोतानी समस्त संपदासहित अनुभूतिमां समाई जाय
छे. आवी अनुभूति करे त्यारे ज केवळी भगवाननी परमार्थ स्तुति थाय छे; त्यारे ज
ज्ञानीनी खरी ओळखाण थाय छे.
भगवान कहे छे के, भाई! रागथी भिन्न थईने अनंतगुणवाळा तारा आत्मानो
अनुभव कर तो अमारी साची स्तुति तें करी. बाकी विकल्पना महिमांमां अटकी जाय तो ते
सर्वज्ञनी खरी स्तुति जाणतो नथी. समस्त आराधना शुद्ध चैतन्यनी अनुभूतिमां ज समाय
छे. भगवान एम नथी कहेता के तुं अमारी सामे जोया कर ने विकल्प कर्या कर; भगवान
तो कहे छे के तुं तारी सामे जो केमके जेवा गुणो अमारामां छे एवा अनंतगुणो तारामां छे.
आम अंतर्मुख स्वभावमां नमवुं ते ज साची गुरुवंदना ने ते ज साची गुरुभक्ति छे.
अहा, आत्माना गुणनी मीठी–मधुरी वात संतो संभळावे छे. अरे जीव! परम
प्रीतिथी तारा गुणनुं श्रवण करीने तेने अनुभवमां ले. पहेलां तो तेनो एवो उल्लास
प्रगटाव के बीजा बधानो उल्लास छूटी जाय.