Atmadharma magazine - Ank 275
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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: २८ : आत्मधर्म : भादरवो : २४९२
संवाद जैनविद्यार्थीगृहे कर्यो हतो. श्रावण वद नोमे श्री जिनेन्द्रदेवनी भव्य रथयात्रा
नीकळी हती, जे घणी आनंदकारी हती.
श्रावणवद नोम–ए शिक्षणवर्गनो अंतिम दिवस हतो.....बस आजे कलास पूरो
थशे ने भेगा थयेला गामेगामना ३०० उपरांत साधर्मीओ पाछा विखुटा पडशे. एक
तरफथी जवानी तैयारी, ने बीजी तरफ शिक्षणवर्गमां आव्यानो सन्तोष सौना मुख पर
देखातो हतो; शिक्षणवर्ग दरमियान गुरुदेवनी छायामां वीस दिवस सुधी जे एकधारो
भरचक लाभ लीधो ते माटेनी उपकारनी लागणी सौ व्यक्त करता हता. सवारे केटलाय
भाईओए गदगदभावे लागणीओ व्यक्त करी, ने बपोरे सामुहिक स्तुति सहित
गुरुदेवनो आभार मानीने शिक्षणवर्ग समाप्त थयो.
आवेला भाईओने विदाय आपवा सोनगढना बधा घोडागाडीवाळा आजे
बहुज प्रवृत्तिशील हता.....स्टेशन पण आजे चीक्कार हतुं.....शिक्षणवर्ग पूरो थयो ने
दशलक्षणीपर्व नजीक आव्या...तेनुं उमंगभर्युं स्वागत करीने आत्माने आराधनामां
जोडवा सौ तत्पर बन्या....
जय जिनेन्द्र
श्रावण वद नोमे प्रौढ शिक्षणवर्ग पूरो थयो ते प्रसंगे गामेगामना जिज्ञासु
भाईओए पोतानो घणो हर्ष अने गुरुदेव प्रत्येनो भक्तिभाव व्यक्त कर्यो हतो.
ईंदोरनां श्री बंसीधरजी पंडीत (जेओ अत्यारना बधा दिगंबर जैनपंडितोमां अग्रगण्य
छे) तेओ छेल्ला त्रणेक मासथी सोनगढ रहीने दरेक कार्यक्रमोमां उत्साहथी भाग लई
रह्या छे, तेमणे पण शिक्षणवर्गनी पूर्णता प्रसंगे गद्गदभावथी पू. कानजीस्वामीनो
महिमा प्रसिद्ध करीने पोतानी लागणीओ व्यक्त करी हती.
आवती साल मागसर सुद अगीआरसे पालेजनगरीना जिनमंदिरने प्रथम
दसको पूरो थाय छे; आ प्रसंगे पू. गुरुदेवने पालेज पधारवानी विनती करवा पालेजना
भाईओ आव्या हता. ने हालना कार्यक्रमअनुसार अमदावाद–वडोदरा तथा मीयांगाम
थईने, पालेजनो (मागसर सुद ४ थी ११) आठ दिवसनो कार्यक्रम विचारवामां
आव्यो छे. बीजा पण अनेक गामो तरफथी विनति आवेल छे. कार्यक्रम नक्की थशे ते
अनुसार योग्य समये आत्मधर्ममां प्रसिद्ध थशे.