बाळकोए गाई हती त्यारे बाळकोनो उत्साह जोईने सौने प्रसन्नता
थई हती. बालविभागना बाळको माटे ते धून अहीं आपी
छे.......सौ होंसथी गाजो.
सहजानंद स्वरूप छुं; चैतन्यनो पिंड छुं.
चिदानंद स्वरूप छुं; नित्यानंदरूप छुं.
परमात्म प्रकाश छुं; शक्तिनो खजानो छुं.
वीतराग स्वरूप छुं; शुद्धस्वरूपी आत्मा छुं.
चिदानंद भगवान छुं; अखंड अविचळ मूर्ति छुं.
परथी नीराळो छुं; राग–द्वेष विनानो छुं.
अनंत–नाथ भगवान छुं; चैतन्यनो विलास छुं.
सिद्धनो नातीलो छुं; शान्तस्वरूपी जीव छुं.
ज्ञान–दर्शनमय छुं; अजर अमरस्वरूप छुं.
कोईनो कर्ता–हर्ता नथी; मारो कोई कर्ता नथी.
शुद्ध सदा अरूपी छुं; अनादि चैतन्य मूर्ति छुं.
अनंतगुणनो दरियो छुं; सुखथी हुं भरियो छुं.
विश्वनो हुं ज्ञायक छुं; परथी उदास छुं.
पंच परमेष्ठीनो भक्त छुं; जिनेश्वरनो नंद छुं.
सिद्धपदनो साधक छुं; अर्हंतनो उपासक छुं.
रत्नत्रयनो खजानो छुं; गुरुचरणनो दास छुं.