Atmadharma magazine - Ank 275a
(Year 23 - Vir Nirvana Samvat 2492, A.D. 1966)
(Devanagari transliteration).

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आवी रह्युं छे मंगल दीपावलीपर्व! दीपावलीपर्व ए कोई
लौकिक आनंदप्रमोदनुं पर्व नथी, पण ए तो मोक्षना उत्सवनुं पर्व
छे...मोक्षनी भावनानुं पर्व छे. भगवान महावीर ए दिवसे जे मार्गे
मुक्तिपुरीमां पधार्या ते मुक्तिना मार्गनी भावना करीने तेनी
अनुमोदनानुं अने ते मार्गे आत्माने लई जवानुं ए मंगल पर्व छे.
आसो वद अमासनां परोढिये भगवान महावीर मोक्ष
पधार्या ने पावापुरीमां हजारो लाखो दीपकोनी माळा वडे मोक्षनो
उत्सव उजवायो; भारतभरमां ए उत्सव प्रसिद्ध थयो... मोक्षनो
उत्सव उजवतां कोने आनंद न थाय!! थोडाक वर्षमां ए
मोक्षमहोत्सवना अढीहजार वर्ष पुरा थशे, ने ए वखते महावीर
प्रभुना शासनमां कोई अनेरा उत्सवथी आपणो भारतदेश विश्वमां
जगविख्यात बनशे. आपणे पण वीरमार्गनी आराधनावडे,
रत्नत्रय दीवडा प्रगटावीने मोक्षना उत्सवनी तैयारी करीए.