Atmadharma magazine - Ank 277
(Year 24 - Vir Nirvana Samvat 2493, A.D. 1967)
(Devanagari transliteration).

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: २२ : आत्मधर्म : कारतक : २४९३
दश प्रश्न दश उत्तर
(गुरुदेवना प्रवचनमांथी)
प्र:– मोक्षमहेलमां जवानी सीधी सडक कई?
उ:– आत्माना आनंदनो निर्विकल्प अनुभव ते मोक्षनी सीधी सडक छे.
प्र:– मुनिन्द्रोना चित्तकमळमां कोनो वास छे?
उ:– अत्यंत सौख्यस्वरूप एवुं शुद्ध परमात्मतत्त्व मुनिन्द्रोना चित्तकमळमां वसे छे.
प्र:– ज्ञानीना चित्तकमळमां कोण वसे छे?
उ:– ज्ञानीना ज्ञानकमळमां पण ए परमात्मतत्त्व ज वसे छे. माछलुं के देडकुं अंतरात्मा
होय तो तेना ज्ञानकमळमां पण ए परमात्मतत्त्व ज वसे छे.
प्र:– आत्मामां शुं भर्युं छे?
उ:– अतीन्द्रिय आनंदना समुद्रो आत्मामां भर्या छे.
प्र:– जगतमां सर्वोत्कृष्ट कळा कई?
उ:– जेना वडे परमात्मतत्त्व जणाय एवी अध्यात्मकळा ए ज सर्वोत्कृष्ट कळा छे.
प्र:– मोक्षनी परीक्षामां पास कोण? नापास कोण?
उ:– जेना वडे परमात्मतत्त्व जणाय एवी भेदज्ञान–विद्या जेने आवडे ते पास; बाकी
बधा नापास.
प्र:– जीवे कया कार्यनी होंश करवी?
उ:– पोताना स्वरूपने साधवानी होंश करवी; बहारना भावोनी होंश न करवी.
प्र:– अज्ञानी पासे जुनामां जुनुं कर्म केटला काळ पहेलानुं होय?
उ:– वधुमां वधु ७ चोवीसी जेटलुं (७० कोडाकोडी सागर) जुनुं कर्म होई शके. एथी
वधारे जुनुं कोई कर्म कोईजीव पासे होय नहि. अने आत्मबळवडे जीव ते बधा
कर्मोने अल्पकाळमां तोडी नांखे एवी जीवनी ताकात छे.
प्र:– आत्मा पासे क्यारे जवाय?
उ:– बधा विकल्पोथी नवरो थाय, ने निर्विकल्प थईने अंदर जाय त्यारे आत्मा जणाय.
विकल्प पासे रोकाई रहे तो आत्मा पासे क्यांथी आवे.
प्र:– जीवने विरल शुं छे?
उ:– शुद्धात्मतत्त्वना उपदेशनुं श्रवण, तेनो प्रेम, तेनी लगनी ने तेनो अनुभव जीवने
विरल छे.
जय जिनेन्द्र